चंद्रयान-3: प्रज्ञान रोवर- क्या मैं Moonwalk के लिए जा सकता हूं? विक्रम लैंडर- हां बिलकुल, लेकिन…; देखें वीडियो

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भारत ने चांद पर पहुंचकर रिकॉर्ड बना दिया है। चंद्रयान-3 मिशन कई मायनों में भारत और इसरो के लिए ख़ास रहा है। भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर पहुंचने वाला पहला देश है। हालांकि रूस ने भी लूना-25 मिशन के जरिए यह प्रयास किया था लेकिन वह असफल रहा। चंद्रयान का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर हैं और अपने काम में जुटे हुए हैं। वह वहां से फोटो और वीडियो भी भेज रहे हैं।

भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने शनिवार रात को भी दोनों का एक वीडियो ट्विटर पर जारी किया है। इसमें प्रज्ञान रोवर विक्रम लैंडर से बाहर निकलते हुए दिख रहा है। इसके साथ ही एजेंसी कैप्शन में लिखा है कि जैसे रोवर लैंडर से पूछता है कि क्या वह मूनवाक के लिए जा सकता है। तब लैंडर जवाब देता है कि हां, लेकिन वह उसके टच में रहे। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।

अब सूरज मिशन की तैयारी में जुटा इसरो 

वहीं अब चांद को फतह करने के बाद इसरो अपने नए मिशन में जुट गया है। इस बार भारतीय स्पेस एजेंसी सूरज को फतह करने के अभियान में लगेगी। इस मिशन के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इसे ADITYA-L1 नाम दिया गया है। इसे 28 अगस्त को लॉन्च किया जाना था लेकिन अभी इसकी तारीख आगे बढ़ा दी गई है। अगर स्पेस में सभी स्थिति अनुकूल रहती हैं और लॉन्च राकेट पूरी तरह से तैयार हो जाता है तो सितंबर के पहले हफ्ते में सूरज को फतह करने के लिए भारत का आदित्य-एल1 अपने मिशन पर रवाना हो जाएगा। यह धरती और एल1 पॉइंट के बीच की दूरी लगभग पांच महीने में पूरी करेगा।

क्या है मिशन आदित्य L1?

बता दें कि सूरज के बारे में तमाम जानकारी और रहस्य से पर्दा उठाने के लिए भारत का तह पहला मिशन होगा। इसे धरती और सूरज के बीच में स्थित 5 लाग्रंगियन पॉइंट्स में से पहले पॉइंट्स के बीच स्थापित किया जाएगा। इस पॉइंट को एल-1 नाम दिया गया है। यह एल-1 पॉइंट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। इसरो जो स्पेसक्राफ्ट भेजेगा, उसे यहीं रखा जाएगा और वह यहीं इसे अपने काम को अंजाम देगा। इस मिशन को प्रेक्षित करने के लिए इसरो PSLV XL राकेट की मदद लेगा।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.