चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग के बाद अब लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल के जरिए इसरो के डाटा सेंटर से जुड़ गया है। दक्षिणी ध्रुव पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के बाद भारत वहां पहुंच गया है जहां पहले कोई देश नहीं पहुंचा है। भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला तथा चंद्र सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय मिली है जब कुछ दिन पहले रूस का अंतरिक्ष यान ‘लूना 25’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के मार्ग में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लैंडिंग के बाद लैंडर ने चंद्रमा की पहली तस्वीर भी भेज दी है।वहीं प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम से बाहर आ कर चंद्रमा की जमीन पर पहुंच गया है। अब 14 दिनों तक लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर अलग-अलग लेवल पर रिसर्च करेंगे।
INSPACe के अध्यक्ष पवन के. गोयनका ने रोवर की पहली तस्वीर ट्वीट की
लैंडर से रोवर के बाहर निकलने की पहली तस्वीर INSPACe के अध्यक्ष पवन के. गोयनका ने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
रात 12 बजे से स्टडी में जुट गया रोवर प्रज्ञान
रोवर प्रज्ञान ने रात लगभग साढ़े बारह बजे के बाद से चांद की सतह की स्टडी की शुरुआत कर दी है। प्रज्ञान रोवर पर लगे पे लोड यानी साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगातार काम करते हुए चांद की सतह की स्टडी कर रहे हैं। लैंडर के दरवाजे खुलने के बाद अब तक लैंडर के अंदर सो रहे प्रज्ञान रोवर को जगाया गया यानी उसे रैंप के सहारे बाहर निकाला गया, इस दौरान उसे लैंडर से एक एंब्लिकल कोर्ड के जरिए बांधा गया था ताकि वो झटके से नहीं बल्कि धीरे धीरे रैम्प से नीचे उतर सके।