उत्तर प्रदेश के कासगंज में सोरोंजी के गांव पैसोई में सोमवार को राशन डीलर की चयन प्रक्रिया के दौरान ग्रामीणों ने पथराव कर दिया था। इस दौरान पुलिसकर्मी पहले से ही वहां से भाग खडे़ हुए।
इसके बाद फिर अधिक पुलिसकर्मियों के पहुंचने पर लाठीचार्ज कर स्थितियां नियंत्रित हुईं। पथराव की स्थिति आधार कार्ड फाडे़ जाने की अफवाह के बाद उत्पन्न हुई थी। तहसीलदार देवेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत कार्यालय में खुली बैठक में राशन डीलर चयन प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान सोरोंजी कोतवाली के दस पुलिस कर्मियों सहित पीएसी कर्मी भी मौजूद थे।
हॉल में ग्रामीणों का आधार कार्ड चेक करने के बाद अंदर जाने दिया जा रहा था। इस दौरान एक पक्ष के ग्रामीणों को आधार कार्ड की जांच करने के बाद हॉल में बैठा दिया गया। इसके बाद दूसरे पक्ष के ग्रामीणों के आधार कार्ड चेक किए जा रहे थे। इसी दौरान एक ग्रामीण का आधार कार्ड फाडे़ जाने की अफवाह फैल गई। अफवाह फैलते ही ग्रामीणों ने पहले धक्का मुक्की फिर ईंट पत्थर फिंकने लगे। पथराव होते ही ग्रामीणों के साथ पुलिसकर्मियों में भी भगदड़ मच गई।
घटनास्थल पर वायरल वीडियो में भी सड़क पर खड़ा पुलिसकर्मियों का वाहन पथराव के दौरान वहां से निकलता हुआ दिख रहा है। पथराव की सूचना पर जब अन्य पुलिसकर्मी गांव पहुंचे और लाठीचार्ज किया, इसके बाद ही स्थितियों को संभाला जा सके। इस बीच पूर्व प्रधान रनवीर व देवेंद्र सिंह अपने पक्ष के घायल 16 से अधिक घायलों को लेकर कोतवाली पहुंचे। वहीं कुछ देर बाद वर्तमान प्रधान सोनपाल सिंह भी अपने साथ घायलों को लेकर कोतवाली पहुंच गए। घायलों में सत्यम, महिपाल, नीरेश, राहुल यादव, गोविंद, अजय, रजनेश, लालू, अजीत, जितेंद्र, घनश्याम, मनवीर, भूरे, कालीचरण, सत्यवीर, रवनेश आदि 24 से अधिक ग्रामीण हैं।
इनमें से दो को जिला अस्पताल भेजा गया है। जबकि अन्य का सोरोंजी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार चल रहा है। पैसौई में राशन डीलर चयन प्रक्रिया के दौरान ग्रामीणों में विवाद हो गया था। इससे भड़के ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। पुलिस पीएसी ने उपद्रव करने वालों को लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया। इसके बाद स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है। फिलहाल गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया है।