कूनो नेशनल पार्क में चीता परियोजना के 2 साल पूरे, भूपेंद्र यादव ने जारी की वीडियो, कहा- भविष्य में लाए जाएंगे और चीता

17 8 jpg

Cheetah mom on the look[out while 5 cubs sitting on a dead tree

भारत के मध्य प्रदेश में श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीता परियोजना (Project Cheetah) को शुरू हुए आज (मंगलवार) 2 साल पूरे हो गए। देश की धरती पर विलुप्त हो चुके चीतों को एक बार फिर से बसाने की शुरुआत 17 सितंबर, 2022 की गई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को नेशनल पार्क में छोड़ा था। केंद्रीय मंत्री पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज एक वीडियो जारी की है। केंद्रीय मंत्री ने आने वाले दिनों में और चीता लाने की बात कही है।

यह कोई आसान रास्ता नहीं

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया एक्स पर वीडियो जारी करते हुए कहा कि दो साल पहले हमने लगभग 70 वर्षों के बाद भारत में चीतों को फिर से लाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा शुरू की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिकल्पित यह परियोजना विश्वस्तर पर एक अग्रणी प्रयास है, जो खोई हुई वन्यजीव आबादी और पारिस्थितिकी तंत्र को सफलतापूर्वक बहाल करने की आशा का प्रतीक है। यह कोई आसान रास्ता नहीं है। आवास समायोजन से लेकर जंगल में शावकों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने तक कई चुनौतियों पर काबू पाया गया।

दुनिया इन चीतों के शावकों को उनके प्राकृतिक आवास में फलते-फूलते देख रही है

उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया इन चीतों के शावकों को उनके प्राकृतिक आवास में फलते-फूलते देख रही है, हम न केवल उनके अस्तित्व का जश्न मनाते हैं, बल्कि इन विशाल प्रयासों में शामिल सभी लोगों के लचीलेपन और समर्पण का भी जश्न मनाते हैं। यह हमारे पारिस्थितिक तंत्र में संतुलन बहाल करने की शुरुआत है। आगे कई और मील के पत्थर हैं।

नामीबिया से लाए गए थे 8 चीता

आपको याद होगा आज से ठीक 2 साल पहले 17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में छोड़ा था। इनमें 5 मादा और 3 नर चीते शामिल थे। इसके बाद फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीतों को लाया गया था। कुल 20 चीते में से आठ वयस्क चीते (तीन मादा और पांच नर) मर गए थे। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कुनो नेशनल पार्क में जंगली चीतों को छोड़े जाने का कदम भारत के वन्य जीवन एवं प्राकृतिक वास को पुनर्जीवित करने व उनमें विविधता लाने के उनके प्रयासों का हिस्सा है, चीता को 1952 में भारत से विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

साल 2024 की शुरुआत में मिली खुशखबरी

साल 2024 की शुरुआत में ही भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा था कि उन्हें यह बताते हुए रोमांच हो रहा है कि कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 3 नए सदस्यों का पदार्पण हुआ है। उन्होंने बताया कि नामीबियाई चीता आशा ने इन तीन शावकों को जन्म दिया था। इसके बाद एक्स पर अन्य पोस्ट में 10 मार्च को भूपेंद्र यादव ने जानकारी साझा की कि पांच वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी चीता गामिनी ने कुनो नेशनल पार्क में 6 शावकों को जन्म दिया है। उन्होंने चीता गामिनी के छह शावकों की तस्वीरें भी साझा कीं थी।

कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या हुई 24

बता दें, आजकल बड़े बाड़ों में नन्हे नन्हे शावकों को जन्म देने वाली मादा चीता गामीनी और आशा जंगल में इनकों जीने के तौर तरीके सीखा रही हैं । भारत की धरती पर जन्म लेने वाले यह नटखट शावक भी अपनी मां से शिकार करने के दांव पेच सीख रहे हैं। गौरतलब हो आज चीतों की संख्या 24 हो गई है। श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में आज चीता प्रोजेक्ट के दो साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Recent Posts