भागलपुर में कैंसर मरीजों की मुफ्त में होगी कीमोथेरेपी, जानिए क्या है व्यवस्था

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भागलपुर. कैंसर मरीजों के लिए एक राहत वाली खबर है. अब उनको महंगी कीमोथेरेपी कराने के लिए भागलपुर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. लोग इसके इलाज के लिए पटना महावीर कैंसर संस्थान या मुंबई या दिल्ली की तरफ रुख करते थे. लेकिन अब धीरे-धीरे इसका इलाज भागलपुर में ही संभव होने लगा. डॉक्टर अन्नी ने बताया कि यहां कीमोथेरेपी मुप्त में होता है. लेकिन दवा आपको खुद लानी होगी. कीमोथेरेपी का कोई चार्ज नहीं लगेगा. जांच की सुविधा मुफ्त है. हमलोग जगह जगह जाकर कैम्प भी लगवाते हैं।

पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल मायागंज में अब कीमोथेरेपी की सुविधा शुर की जा रही है. पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (मायागंज) के कंप्रिहेंसिव कैंसर केयर क्लिनिक में रोजाना 3 तरह के कैंसर की जांच हो रही है. मुंह के अलावा ब्रेस्ट कैंसर के 6 और सर्वाइकल कैंसर के 4 मरीज मिले हैं।

37 जिलों में कैंसर के मरीज

कलस्टर कोऑर्डिनेटर डॉ.अनुराधा ने बताया कि स्टेट हेल्थ केयर सोसाइटी के सुपरविजन में बिहार के 38 जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है. इस वजह से केवल भागलपुर ही नहीं बाकी 37 जिलों में भी कैंसर के मरीज मिले हैं. पहले भी कैंसर के मरीज पाए जाते थे लेकिन लोगों के बीच जागरूकता नहीं थी. साथ ही कैंसर डिटेक्शन के बाद प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन नहीं किया जाता था. जिस वजह से आंकड़े छिप जाते थे, लेकिन स्क्रीनिंग होने से अब हमलोग प्री कैंसर डिटेक्शन मतलब इसके शुरुआती लक्षण को पहचान कर सही समय पर इलाज दे पा रहे हैं।

गुटखा और तंबाकू का असर

बिहार में ओरल कैंसर की संख्या बहुत अधिक है क्योंकि यहां के लोग तंबाकू और गुटखा का ज्यादा सेवन करते हैं. साथ ही साथ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर भी तेजी से बढ़ रहा है. ब्रेस्ट कैंसर हमारे पेरेंट्स से जीन ट्रांसफर के माध्यम से आ जाता है, लेकिन सर्वाइकल कैंसर हाइजीन की कमी व कम उम्र में शादी और बच्चा पैदा करने की वजह से होता है।

आर्सेनिक युक्त पानी भी कारण

डॉ.अनुराधा ने बताया की गंगा और कोसी के प्रदूषण और आर्सेनिक युक्त पानी का इस्तेमाल भी कैंसर का एक मुख्य कारण हो सकता है. वहीं कलस्टर कोऑर्डिनेटर डॉक्टर प्रशांत ने बताया की कैंसर के मरीज बढ़ नहीं रहे हैं. पहले भी मरीज मिलते थे लेकिन सुविधाओं के अभाव में उनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं होता था. मरीज संज्ञान में नहीं आता था. उन्होंने बताया कि बिहार में गुटखा तंबाकू सिगरेट शराब का सेवन पूर्णतः बंद होना चाहिए. इसके सेवन से कैंसर का खतरा बहुत बढ़ रहा है. कैंसर से मृत्यु दर को कम करने के लिए हम लोग उसके शुरुआती लक्षण की जांच कर भागलपुर में ही कीमोथेरेपी की सुविधा और दवाइयां दे रहे हैं।

आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज

होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर द्वारा मायागंज अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात डॉ. सैयद अन्नी एजाज ने बताया की भागलपुर जिले का सबौर का इलाका व बांका और भागलपुर जिले के बॉर्डर पर स्थित गांवों में कैंसर के ज्यादातर मरीज मिल रहे हैं. भारत सरकार की ओर से आयुष्मान कार्ड द्वारा भी मुफ्त इलाज का प्रावधान है. लोगों के बीच अगर कैंसर बीमारी को लेकर जागरूकता हो तो अधिकतर लोगों की जान बच सकती है. वहीं केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अशोक झा ने बताया कि हमलोगों ने इसपर बहुत रिसर्च किया है. यहां के पानी में आयरन व आर्सेनिक के साथ साथ कई ऐसी चीजें हैं जिसकी मात्रा बहुत अधिक है. अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन अधिक दिनों से करता है तो उसको केंसर जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है. इसलिए शरीर में पानी की अहम भूमिका होती है. हमलोगों को सही पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

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