नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण के ऐन पहले राजद से पाला बदल कर सत्ता पक्ष में बैठने वाले विधायक चेतन आनंद ने कहा कि मेरे साथ और कई लोगों के साथ पार्टी में काफी भेदभाव हो रहा था, इसलिए उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने ठाकुर का कुआं प्रकरण पर कहा कि मेरे परिवार और मेरे बारे में बहुत कुछ कहा गया था।
बिहार विधानसभा में सरकार के पक्ष और विपक्ष में मतदान हो इसके पूर्व आनंद मोहन के पुत्र और राजद नेता व विधायक चेतन आनंद ने राजद का साथ छोड़ने पर पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उन्होंने यह निर्णय काफी सोच-विचार करने के बाद ही लिया है। पार्टी में कुछ लोगों के साथ भेदभाव होता रहा है। मैं भी उसका शिकार था।
‘मैंने भी पार्टी से आग्रह किया कि…’
एक सवाल पर उन्होंने कहा उन्हें पार्टी की ओर से सिर्फ बैठक की जानकारी दी गई थी। यह नहीं पता था कि वहीं रहना भी होगा, इसलिए परिवार ने मेरी तलाश में शिकायत दर्ज कराई थी। मैंने भी पार्टी से आग्रह किया गया कि मुझे एक बार परिवार के पास जाने दिया जाए, लेकिन इसके बाद भी मुझे चार घंटे रोका गया इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी नेतृत्व से कोई शिकायत नहीं। पार्टी में कुछ लोग हैं जो हमारी बातों को महत्व नहीं देते। ऐसे चाटुकारों की वजह से पार्टी का नुकसान होता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि ठाकुर का कुआं प्रकरण में उन्हें गाली दी गई, उनके परिवार को नीचा दिखाया गया। मेरी मां साढ़े तीन वर्ष से इस पार्टी में कोई पद नहीं प्रतिष्ठा नहीं फिर भी वे हैं। कुएं में बहुत पानी है तो पानी पिला भी दिया है।