WTC Final: भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हरा दिया है. भारत को चौथी पारी में जीत के लिए 444 रन बनाने थे लेकिन पूरी टीम 234 पर सिमट गई और ये खिताबी मुकाबला 209 रन के बड़े अंतर से हार गई. इस हार के साथ ही टीम इंडिया के कई खिलाड़ीयों के टेस्ट करियर पर प्रश्न चिन्ह लग गया है और संभव है कि ये उनका आखिरी टेस्ट हो. ऐसे खिलाड़ियों में टीम इंडिया के एक सीनियर बल्लेबाज का नाम सबसे आगे हैं और ये बल्लेबाज हैं चेतेश्वर पुजारा।
खत्म हो सकता है इस खिलाड़ी का करियर
भारतीय टीम को टेस्ट चैंपियनशिप (WTC Final) के फाइनल में जिस खिलाड़ी से सबसे ज्यादा उम्मीद थी वो थे मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा. टीम इंडिया को उम्मीद थी कि चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) इस टेस्ट में बड़ी पारी खेलेंगे और भारतीय टीम की जीत में बड़ी भूमिका निभाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
ये बल्लेबाज दोनों ही पारियों में फ्लॉप रहा. पहली पारी में 14 रन बनाने वाला ये खिलाड़ी दूसरी पारी में सिर्फ 27 रन बना सका. वहीं दूसरी पारी में जब दिग्गज बल्लेबाज फ्लॉप होकर पवेलियन लौट रहा था तो ड्रेसिंग रूम में बैठे हेड कोच राहुल द्रविड़ ने उनको इस तरह से घूरा जिससे साफ हो गया कि खराब प्रदर्शन के बाद अब इस खिलाड़ी पर कठोर कदम उठाया जा सकता है और संभव है कि आने वाले टेस्ट सीरीज में उनका नाम दिखाई न दे।
क्यों थी चेतेश्वर पुजारा से उम्मीद?
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) से भारतीय टीम को बड़ी उम्मीद लगाने के कई कारण थे. पहला वे टेस्ट स्पेशलिस्ट हैं और सिर्फ टेस्ट ही खेलते हैं. दूसरा ये बल्लेबाज इंग्लैंड में पिछले 1 साल से लगातार इंग्लैंड में काउंटी खेल रहा है और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. उम्मीद थी कि काउंटी के प्रदर्शन को वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी दुहराएंगे. लेकिन चेतेश्वर पुजारा ऐसा करना में असफल रहे।
चेतेश्वर पुजारा का करियर
राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को टेस्ट में टीम इंडिया की दीवारा माना जाता रहा है. अगर उनके करियर पर गौर करें तो 35 वर्षीय बल्लेबाज ने 102 टेस्ट मैचों में 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाते हुए 43.89 की औसत से 7154 रन बनाए हैं. उनके नाम 3 दोहरे शतक हैं. उनका टॉप स्कोर 206 है।