कार्तिक के महीने में हिंदुओं के कई महत्वपूर्ण त्योहार पड़ते हैं। इसमें दीपावली और छठ पूजा सबसे खास है। खासकर बिहार, झारखंड और यूपी में तो छठ की धूम इतनी ज्यादा होती है कि पूरे देश और दुनिया से लोग इस त्योहार को मनाने के लिए अपने घर आते हैं। इसके साथ ही यह पूरे देश समेत दुनियाभर में मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसका एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। शायद इसी वजह से लोकआस्था के इस पर्व को महापर्व कहा जाता है।
छठ पूजा दिवाली के छठवें दिन होती है। इसबार छठ का त्योहार 19 नवंबर को पड़ेगा। छठ का पहला दिन नहाय-खाय 17 नवंबर को है। दूसरा दिन लोहंडा और खरना 18 नवंबर को है। इसके बाद 19 तारीख को संध्या अर्घ्य है। इसके बाद अंतिम दिन 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण होगा।
छठ महापर्व का दिन सूर्य भगवान और षष्ठी माता को समर्पित है। इस दिन 36 घंटे तक व्रत रखा जाता है। व्रत के दौरान पानी भी नहीं पीना होता है। इसलिए यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। उत्तर भारत में करोड़ों की संख्या में महिलाएं इस दिन व्रत रहती हैं। छठ का त्योहार 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है।
संतान प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धा और आस्था से छठ का व्रत रखने पर छठी मईया और सूर्य देव की कृपा मिलती है जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। इस दिन माताएं अपनी संतान के उज्जवल भविष्य और लंबी उम्र की कामना करते हुए व्रत रखती हैं।
जरूर करें ये काम
छठ पूजा के दिन किसी भी तरह का नशा नहीं करना चाहिए और न ही मांस खाना चाहिए। अगर संभव हो तो मिट्टी के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। छठ पूजा के प्रसाद का बहुत सावधानी से वितरण करना चाहिए ताकि वह न तो जूठा हो और न ही नीचे जमीन पर गिरे। इस दिन साफ सफाई का भी खास ध्यान रखना चाहिए।
इस दिन लहसुन-प्याज के सेवन से भी बचना चाहिए। अगर छठी मैया से आपकी मांगी गई मनोकामना पूरी हो गई तो मनौती मांगते हुए आपने जो कहा था उसे जरूर पूरा करना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर छठी मैया नाराज हो सकती हैं।