लोक आस्था के सबसे बड़े पर्व छठ की शुरुआत आज यानी 17 नवंबर 2023 से हो रही है। चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन को नहाय-खाय कहते हैं। जबकि छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना पूजा कहा जाता है। इस बार खरना पूजा 18 नवंबर, शनिवार को होगी। फिर छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बाद 19 नवंबर को संध्याकालीन अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं छठ पूजा के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बाद 20 नवंबर, सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आइए अब जानते हैं कि सूर्य देव को अर्घ्य देने की सही विधि क्या है और किन मंत्रों से सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। छठ पूजा अर्घ्य विधि इस बार छठ पूजा के संध्या कालीन अर्घ्य के दिन रविवार है। लिहाजा छठ पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है। सनातन धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। अगर आपका भी काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। धर्मशास्त्र के जानकारों के मुताबिक ऐसा सूर्य के कमजोर होने से होता है। ऐसे में आपको अपने सूर्य को मजबूत करने की जरूरत है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति छठ पूजा के दौरान दोनों समय (उगते-डूबते हुए सूर्य) अर्घ्य देता है, उसे कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। क्योंकि सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य के कारक सूर्य मजबूत होते हैं। ऐसे में छठ महापर्व आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। छठ पूजा के तीसरे दिन यानी 19 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। ऐसे में आप भी सूर्य देव की विशेष कृपा और आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो अस्ताचलगामी सूर्य (डूबते हुए सूर्य) को अर्घ्य प्रदान करें। साथ ही मन ही मन अपनी मनोकामना सूर्य देव को निवेदित करें। ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होंगे और जीवन में अच्छे दिनों की शुरुआत होने लगेगी। छठ पूजा के तीसरे दिन यानी 19 नवंबर, रविवार को संध्याकालीन अर्घ्य पर तांबे लोटे में जल, अक्षत, लाल रंग के फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान अगर पीले रंग के वस्त्र पहनेंगे तो और भी शुभकारी रहेगा। ध्यान रहे कि सूर्य देव को अर्घ्य देते समय विवेश मंत्रों को भी बोलना है। मान्यता है कि छठ पूजा पर इस विधि से सूर्य देव को अर्घ्य देने पर व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही शत्रुओं से सुरक्षा भी होती है। इसके अलावा रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। Click to share on Twitter (Opens in new window)Click to share on Facebook (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Click to share on WhatsApp (Opens in new window) Related Post navigation भागलपुर जिलाधिकारी सुब्रत सेन ने किया छठ घाटों का निरिक्षण Chhath Puja 2023: छठी मैया कौन हैं? क्यों की जाती छठ पर्व के दौरान इनकी पूजा