तीन दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व का आज पहला दिन है। छठ पर्व के पहले दिन नहा-खाय होता है। अगर आपने किसी को करीब से छठ पूजा करते हुए देखा होगा तो, आपने ये जरूर महसूस किया होगा वो लोग पूजा में इस्तेमाल होने वाली छोटी से छोटी की चीज की सफाई का खूब ध्यान रखते हैं। इसमे कोई दो राय नहीं की छठ पूजा में हिंदू समुदाय के लोग बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। लेकिन आपको ये जानकार खुशी होगी की बिहार के जगाय में रहने वाले मुस्लिम परिवार छठ पर्व की पूजा में एक बड़ा योगदान देते हैं।
साफ-सफाई का रखते हैं पूरा ध्यान
आलता बनाने वाले कारीगर के अनुसार, आलता बनाने के लिए आटा, मैदा, पानी और सिमर के रूई जैसी कई तरह की सामग्री का उपयोग किया जाता है। इससे आलता का रंग गुलाबी होता है। उन्होंने बताया कि पर्व के लिए आलता बनाते समय वो साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं।
नहीं मिलता वाजिब दाम
जगाय के रहने वाले ये 20 मुस्लिम परिवार छठ पर्व के लिए आलता बनाने का काम करते हैं। ये सभी मुस्लिम परिवार छठ पूजा के लिए पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ आलता बनाते हैं। आलता बनाने वाले मु. शमशेर और मु. डब्लू ने बताया कि आलता बनाना काफी मेहनत का काम है। इसे बनाने में कई तरह की सामग्रियों का इस्तेमान किया जाता है। साथ ही इसे बनाने का प्रोसेस भी काफी मेहनत से भरा हुआ है। इसे मेहनत में जितनी मेहनत है उस हिसाब से इसके लिए वाजिब दाम नहीं मिल रहा है। 40 आलतो के बंडल का बाजार में 30 रूपये दाम है। आखिर किस लिहाज से ये एक वाजिब दाम है।
छठ पर्व के पहला दिन
छठ पर्व के पहले दिन नहा-खाय होता है। आज के दिन व्रत करने वाली महिलाएं लौकी की सब्जी और दाल-चावल खा कर व्रत की शुरुआत करती हैं।