भागलपुर। आस्था का महापर्व को लेकर सूप-डलिया का कारोबार बढ़ गया है। स्थानीय स्तर के साथ इसकी बिक्री दूसरे राज्यों में खूब हो रही है। इस बार भागलपुर में तैयार सूप-डलिया कई राज्यों में भेजा गया है।
लोहिया पुल के समीप सूप कारोबारी विजय ने बताया कि छठ पूजा पर सबसे अधिक सूप-डलिया की बिक्री होती है। यहां से ट्रक के माध्यम से महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, नगालैंड आदि जगहों पर सूप-डलिया भेजा गया है। इसके साथ बिहार-झारखंड के कई जिलों में एक दिन पहले ही सूप-डलिया भेजा गया है। उन्होंने बताया कि इस कारोबार से कई लोग जुड़े हुए हैं। पर्व के समय में मांग अधिक होने से एक हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि भागलपुर में जिस तरह सूप-डलिया तैयार हुआ उसको देखते हुए पूर्णिया, किशनगंज, दुमका, असम आदि जगहों से बांस मंगवाया गया था। इस बार बांस महंगा है। तिलकामांझी में विक्रेता सुमित ने बताया कि इस बार बांस महंगा होने के कारण सूप-डलिया की कीमत भी बढ़ी है। अभी सूप 180 रुपये जोड़ा तो डालिया 400 से 500 में एक बिक रहा है।
20 करोड़ से अधिक का कारोबार
आर्थिक मामले के जानकार सीए प्रदीप कुमार झुनझुनवाला ने बताया कि यहां का सूप-डलिया की मांग दूसरे राज्यों में भी है। छठ पूजा तक 20 करोड़ से अधिक सूप-डलिया का कारोबार होने की उम्मीद है। इस क्षेत्र के जगदीशपुर, गोराडीह, माछीपुर, जमसी, बरारी, नाथनगर आदि जगहों पर सूप-डलिया बड़े पैमाने पर तैयार किया जा रहा है।
छठ पूजा की शुरुआत पांच नवंबर को नहाय-खाय के साथ
छठ पूजा की शुरुआत पांच नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी। तिलकामांझी महावीर मंदिर के पंडित आनंद झा ने बताया कि सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत पांच नवंबर को नहाय खाय के साथ होगी। छह नवंबर को खरना होगा। सात नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा। आठ नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस पर्व का समापन होगा। वहीं जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि अस्ताचलगामी सूर्य को 529 बजे तक अर्घ्य दिया जायेगा।