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‘झारखंड में बदलने जा रहा है मुख्यमंत्री’, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का दावा

ByKumar Aditya

जनवरी 2, 2024
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भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा है कि झारखंड में मुख्यमंत्री बदलने जा रहा है। सोशल मीडिया पर किए गए अपने दावे में उन्होंने कहा है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस्तीफा देंगे और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन राज्य की अगली सीएम बनेंगी। अपने दावे के पीछे की वजह साफ करते हुए दुबे ने कहा कि गांडेय से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और उनका इस्तीफा स्वीकार भी हो गया है।

क्यों अहम है विधायक का इस्ताफा?

निशिकांत दुबे का इशारा इस तरफ है कि सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद कल्पना सोरेन का गांडेय से विधानसभा चुनाव जीतने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि यदि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बनती हैं तो 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य भी होना होगा। दुबे ने ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘झारखंड के गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा से इस्तीफ़ा दिया, इस्तीफ़ा स्वीकार हुआ। हेमंत सोरेन जी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देंगे, झारखंड की अगली मुख्यमंत्री उनकी पत्नी कल्पना सोरेन जी होंगी। नया साल सोरेन परिवार के लिए कष्टदायक।’

क्यों हो रहा सोरेन के इस्तीफे का दावा?

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ED का शिकंजा कसता ही जा रहा है। बीते शनिवार को ही ED ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को एक पत्र-सह-समन जारी किया था। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय एजेंसी ने सोरेन से कहा था कि वह इस मामले में जांच अधिकारी को अपनी सुविधानुसार तारीख, स्थान आदि के बारे में सूचित करें ताकि PMLA के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके। ED ने मुख्यमंत्री से 31 दिसंबर तक जवाब मांगा था और कहा था कि ऐसा नहीं करने पर वह PMLA के प्रावधानों के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।

कई समन के बावजूद नहीं पेश हुए सोरेन

बता दें कि ED झारखंड के सीएम को अब तक 7 समन जारी कर चुकी है लेकिन वह कभी भी केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। उन्हें पहला समन 14 अगस्त को पेश होने के लिए जारी किया गया था। मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट और फिर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ED की कार्रवाई से सुरक्षा मांगी थी। उन्होंने समन को ‘अनुचित’ बताया था। हालांकि दोनों अदालतों ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। ED के मुताबिक, यह जांच झारखंड में ‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध तरीके से बदलाव’ से संबंधित है।