होममेकर से बनी आईएएस ऑफिसर, दूसरे प्रयास में क्रैक किया यूपीएससी, जानिए IAS पुष्प लता की कहानी
अक्सर ऐसा माना जाता है कि यदि किसी महिला ने शादी से पहले अपने करियर में कुछ बड़ा हासिल नहीं किया है, तो वह कभी भी कुछ नहीं कर पाएगी। शादी के बाद उसकी पहली प्राथमिकता घर-परिवार ही होते हैं।
अपनी ईमानदार कोशिश और जज्बे से इस रूढ़ि को तोड़ते हुए आईएएस अधिकारी पुष्प लता ने ऐसी सोच रखने वालों का मुंह बंद कर दिया, जो यह मानते थे कि शादी एक गृहिणी के सफल करियर की संभावनाओं का अंत है। यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए न केवल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, बल्कि एक आईएएस अधिकारी के रूप में सेवा करना और भी अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। हरियाणा की एक गृहिणी और मां आईएएस पुष्प लता यह जिम्मेदारी अपनी मेहनत और लगन से पूरी कर रही हैं।
पुष्प लता का जन्म रेवाड़ी के पास एक छोटे से गांव में हुआ। पुष्प लता ने अपनी ग्रेजुएशन सांइस से पूरी की और फिर एमबीए की डिग्री हासिल की। एमबीए के बाद, वह एक निजी फर्म में जॉब करने लगीं। कुछ वर्षों तक ऐसा ही चलता रहा फिर उन्होंने 2011 में शादी कर ली और मानेसर चली गईं। इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपने पहले बेटे ग्रेविट को जन्म दिया। अपने पहले बेटे के जन्म के बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया।
ससुराल वालों के सहयोग से शुरू की पढ़ाई
अपने ससुराल वालों के सहयोग से पुष्प लता ने आईएएस परीक्षा की तैयारी शुरू की। जैसा की सभी जानते हैं यूपीएससी कैंडिडेट को अपने हर दिन का एक बड़ा हिस्सा पढ़ाई के लिए समर्पित करना पड़ता है, तब भी उनमें से कुछ ही परीक्षा में सफल हो पाते हैं। कल्पना कीजिए कि पुष्प लता के लिए यह कितना मुश्किल था, जिन्हें दो साल के लड़के की जरूरतों को पूरा करना था, अन्य घरेलू जिम्मेदारियों अलग से।
तमाम चुनौतियों के बीच उन्होंने दृढ़ निश्चय किया और अपनी पढ़ाई जारी रखी। यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं, लेकिन पहले प्रयास में परीक्षा में सफलता नहीं मिली। तब उनके पति ने उन्हें प्रेरित किया और एक और प्रयास करने के लिए उनका सपोर्ट किया। 2017 में, पुष्प लता ने अखिल भारतीय रैंक (एआईआर) 80 के साथ यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। पुष्पा लता उन सभी महिलाओं के लिए एक आदर्श हैं जो अपनी पारिवारिक, घरेलू जिम्मेदारियों के बीच हार मान कर यह सोच बैठती हैं कि यूपीएससी जैसे प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी करना असंभव है।