बिहार खादी समर कैम्प में बच्चों ने सीखी भारत की पौराणिक टाई एंड डाई कला

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बिहार खादी समर कैम्प के प्रेरणादायक चौथे चरण में टाई और डाई कार्यशाला का आयोजन किया गया जहां बच्चे पारंपरिक शिल्प कौशल की रंगीन दुनिया में डूबे।

प्रशिक्षक सुभाष कुमार के मार्गदर्शन में प्रतिभागियों ने कपड़ों में रंग- बिरंगे डिज़ाइन बनायें और पीढ़ियों से चली आ रही इस तकनीक को जिज्ञासा से सीखा। टाई और डाई कपड़ा रंगाई का सबसे सरल और सबसे पुराना तरीका है। टाई-डाई वास्तव में प्राचीन प्रतिरोध-रंगाई तकनीकों के एक सेट का वर्णन करने के लिए एक आधुनिक शब्द है। इस प्रक्रिया में कपड़े को मोड़ना, घुमाना या सिकोड़ना शामिल है, जिसके बाद डाई लगाई जाती है।

भारत, जापान और अफ्रीका में सदियों से विभिन्न प्रकार की टाई और डाई का प्रचलन रहा है। इस कला में इस्तेमाल होने वाले रंग मुख्य रूप से वनस्पति रंग होते हैं जो मुख्य रूप से पौधों के विभिन्न भागों जैसे फूल, तने, पत्तियों आदि से निकाले जाते हैं। टाई-डाई की विशेषता बोल्ड पैटर्न और चमकीले प्राथमिक रंगों जैसे पीले, लाल, हरे, नारंगी आदि का उपयोग है।

भारत में, टाई और डाई तकनीक का इस्तेमाल सूती से लेकर रेशमी कपड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला पर कई रूपों में किया जाता है। टाई और डाई एक सदियों पुरानी शिल्प कला है जो अत्यधिक सांस्कृतिक महत्व रखती है और कारीगरों के लिए स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करता है। इस तकनीक का इस्तेमाल साड़ी, सलवार कमीज, दुपट्टे और पगड़ी बनाने में व्यापक रूप से किया जाता है। इनका इस्तेमाल घर के सामान जैसे बेडस्प्रेड, पर्दे और कुशन कवर बनाने में भी किया जाता है।

बिहार खादी समर कैंप पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने के साथ रचनात्मकता को बढ़ावा देने की ओर समर्पित है। यह कार्यशाला न केवल टाई और डाई कला में सुंदर पैटर्न बनाने के बारे में था बल्कि उन कारीगरों को समर्पित‌‌ था जो प्रत्येक रचना में भारत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है। इस कार्यशाला के माध्यम से, बच्चों को रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाले जीवंत वस्त्रों के पीछे की जटिल प्रक्रिया के बारे में गहरी समझ प्राप्त हुई।

छात्रों‌ ने अपनी कलात्मक कौशल को निखारने के साथ ही कलाकारों की शिल्प कौशल और कड़ी मेहनत के लिए अधिक सराहना भी विकसित की। कल के सत्र में बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी कला का प्रशिक्षण राज्य पुरस्कार पुरस्कृत कलाकार नलिनी शाह द्वारा दिया जाएगा।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.