बिहार के बच्चों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बोले शिक्षा मंत्री..अब कही भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी

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अब बिहार के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उनको शिक्षा के लिए इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कहना है बिहार के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता का..पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हम पर भरोसा जताया है और शिक्षा मंत्री के इस महत्वपूर्ण पद को हमारे जिम्मे छोड़ा है। जिस ट्रैक पर यह विभाग चल रहा था उसी ट्रैक पर आगे भी चलेगा। शिक्षा विभाग को और बेहतर बनाया जाएगा।

आलोक मेहता ने आगे कहा कि वैसे पिछले दिनों शिक्षा विभाग में जो काम हुए हमारे पूर्व के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर जी और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के लगातार प्रयास से इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की बहाली हुई और बहुत सारे सुधारात्मक कार्य हुए उसके लिए मैं उनको साधुवाद देता हूं।

आलोक मेहता ने कहा कि आगे भी उसी ट्रैक पर शिक्षा विभाग चलेगा और इस विभाग को और बेहतर बनाया जाएगा। बिहार के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उनको शिक्षा के लिए अन्यत्र भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस कार्य में अपने सभी पदाधिकारियों को लगा हुआ देख रहे हैं हम गर्व महसूस कर रहे हैं। अपने सभी पदाधिकारियों को बहुत-बहुत धन्यवाद।

वही 30 जनवरी को पूर्णिया में कांग्रेस की सभा आयोजित की गयी है जिसमें शामिल होने के लिए राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस की तरफ से लालू को मिले निमंत्रण पर आलोक मेहता से पूछा गया कि क्या लालू जी कांग्रेस की सभा में शामिल होंगे? इसका जवाब देते हुए आलोक मेहता ने कहा कि लालूजी जाएंगे या नहीं यह बात मुझे नहीं मालूम। लेकिन इतना जरूर कहेंगे कि कांग्रेस की ओर से राजद और जेडीयू नेता को निमंत्रण पत्र भेजना सद्भावना का प्रतिक है। यह दर्शाता है कि इंडिया गठबंधन एकजुट है। यही कारण है कि सब लोग एक दूसरे को अपने अभियान में शामिल कर रहे हैं।

वही रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बीजेपी और आरएससी का कार्यक्रम बताने वाली राजद के एक और नेता आलोक मेहता ने कहा कि राम का स्थान बहुत ऊंचा है उनको घसीटकर बीजेपी और आरएसएस वाले राजनीति में ला रहे हैं। जब आरजेडी इसे राजनीति से अलग रखना चाहती हैं। आम जनता भी चाहती है कि धर्म को सियासत में घसीटने के बजाय विकास के मुद्दे पर सियासत किया जाए। भगवान राम का स्थान हम लोगों के मन में बहुत ऊंचा है। राजनीति का बहुत नीचे है। भगवान को राजनीति में घसीटकर लाने का जो प्रयास बीजेपी और आरएसएस कर रही है उसी का हमलोग विरोध कर रहे हैं।

बता दें कि आलोक मेहता ने बिहार के नए शिक्षा मंत्री का पदभार सोमवार को ग्रहण किया था। कार्यालय पहुंचने पर पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया था। अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भी अपने नए शिक्षा मंत्री का अभिनंदन किया था। नीतीश सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे आलोक मेहता प्रोफेसर चंद्रशेखर के स्थान पर शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं। प्रोफेसर चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग का जिम्मा दिया गया है। आलोक मेहता के पुराने विभाग का जिम्मा सीएम नीतीश कुमार ने दिलीप यादव को दिया है।

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