परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कहा है कि बस से ही बच्चे स्कूल जाएंगे तो अधिक सुरक्षित रहेंगे। बस में बच्चों को लू लगने का भी खतरा नहीं रहता है। ऑटो में सीट से ज्यादा बच्चों को ले जाने की शिकायतें मिलती थी। लोगों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही परिवहन विभाग कोई निर्णय लेता है।
मंत्री गुरुवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित जन सुनवाई के बाद पत्रकारों से बात कर रही थीं। पत्रकारों ने सवाल किया कि ऑटो और ई-रिक्शा चलाने वाले परिवहन विभाग के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन पर मंत्री ने कहा कि पहले अभिभावक ही हमलोग के पास आकर शिकायत करते थे कि ऑटो और ई-रिक्शा द्वारा बच्चों को सुरक्षित नहीं ले जाया जाता है। मीडिया ने सवाल किया कि बस से बच्चों के भेजने पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।
ई-रिक्शा से स्कूली बच्चे ढोने पर जुर्माना
भागलपुर। ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल पहुंचाने और लाने पर प्रतिबंध लगने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सख्ती शुरू कर दी है। पिछले दो दिनों में अलग-अलग ई-रिक्शा चालकों पर 37,500 रुपये का फाइन किया गया है।
इस संदर्भ में एमवीआई एसएन मिश्र ने बताया कि प्रतिबंध के बावजूद कुछ ई-रिक्शा संचालक स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने का काम कर रहे थे। इसे लेकर बुधवार और गुरुवार को अभियान चलाकर ई-रिक्शा संचालकों से फाइन वसूला गया। स्कूल संचालकों को भी चेतावनी दे दी गई है कि किसी भी सूरत में ई-रिक्शा से बच्चों का परिवहन नहीं करवाएं।