केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद से ही एलजेपी(रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान बीजेपी को आंखें दिखाते आ रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने अपने समर्थकों के सामने इशारों में बीजेपी को चुनौती दी. चिराग पासवान ने कहा-अगर सत्तारूढ़ गठबंधन में उनकी बात नहीं सुनी गयी तो जरूरत पड़ी तो वे मंत्री की कुर्सी को लात मार देंगे.
चिराग की चुनौती
दरअसल सोमवार को चिराग पासवान पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में अपनी पार्टी के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. एलजेपी(रामविलास) के एससी-एसटी प्रकोष्ठ की ओऱ से चिराग पासवान के अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था. इसी कार्यक्रम में चिराग पासवान ने तेवर दिखाये. उन्होंने अपने पिता स्व. रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए कहा कि जो बात मेरे पिता और नेता ने कहा था, आज मैं वही दोहरा रहा हूं.
चिराग पासवान ने कहा- मेरे पिता किसी भी गठबंधन का हिस्सा रहे हों, उसमें उनकी एक भूमिका रहती थी. आज उसी भूमिका में चिराग पासवान भी है. मैं भी किसी गठबंधन में रहूं अपने लोगों के पहरेदार की भूमिका में हमेशा रहूंगा. जब तक चिराग पासवान इस गठबंधन में है, तब तक आप लोगों को अपने हक या अधिकारों की चिंता करने की जरुरत नहीं है.
एक मिनट में कुर्सी को लात मारूंगा
चिराग पासवान ने अपने समर्थकों से कहा- जिस दिन चिराग पासवान को ऐसा लगेगा कि इस गठबंधन में मेरे लोगों के साथ अन्याय हो रहा है या फिर गठबंधन में हमलोगों की बातों को नहीं सुना जा रहा है उस दिन मैं फैसला लेने में एक मिनट की देर नहीं करूंगा. कभी मेरे पिता ने भी मंत्री पद को लात मारने से पहले एक मिनट भी नहीं सोचा था, मैं भी मंत्री पद को लात मरने से पहले नहीं सोचूंगा.
विपक्षी झूठ फैला रहे हैं
चिराग पासवान ने कहा कि विपक्षी पार्टियां झूठ फैला रही हैं. उस झूठ का हमलोग पर्दाफाश करेंगे. लोकसभा चुनाव के वक्त क्या-क्या कहा गया था. आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा…संविधान की हत्या कर दी जाएगी. मैंने कहा था कि मेरे रहते ऐसा कुछ नहीं होने वाला है.
बता दें कि केंद्र में मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान ने कई दफे बीजेपी पर इशारे में हमला किया है. एससी-एसटी आरक्षण में सब कैटगरी और क्रीमी लेयर के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उनके बयानों से बीजेपी में बेचैनी हुई थी. एनडीए सरकार द्वारा लोकसभा में लाए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का जेपीसी की बैठक में चिराग पासवान के जीजा और सांसद अरूण भारती विरोध कर चुके हैं. चिराग पासवान यूपीएससी लैटरल एंट्री के मुद्दे पर भी अपनी ही सरकार को घेर चुके हैं. वे कांग्रेस के सुर में सुर मिलाकर जातिगत जनगणना का भी समर्थन कर चुके हैं.