चिराग पासवान ने एनडीए नेताओं को दिया दही चूड़ा का भोज, लालू और नीतीश पर साधा निशाना
लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के आवास पर आज दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया. इस मौके पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव, रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा समेत एनडीए के अन्य नेता पहुंचे थे. सभी ने एक दूसरे को तिल और गुड़ खिलाकर मकर संक्रांति की बधाई दी. चिराग पासवान ने इस मौके पर कहा कि शुरू से दही चूड़ा भोज का आयोजन किया जाता रहा है. यह परंपरा है. इस मौके पॉलिटिकल बयानबाजी भी हुई।
खरमास खत्म हो गया है, लेकिन नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बनेंगे या नहीं इस पर अभी भी संशय बना हुआ है. इस पर बयान देना अभी उचित नहीं है. नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. जब औपचारिक रूप से वह घोषणा करेंगे कि हम एनडीए में शामिल हो रहे हैं, तब प्रतिक्रिया देना उचित होगा.”- चिराग पासवान, सांसद, एलजेपीआर
लालू यादव सनातन विरोधी रहे हैं:लालू प्रसाद यादव राम मंदिर नहीं जाएंगे, इस बयान पर चिराग पासवान ने कहा कि लालू प्रसाद यादव शुरू शुरू से सनातन विरोधी रहे हैं. इंडिया गठबंधन के तमाम लोगों की सोच यही है. साउथ की एक पार्टी बोलती है कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए. इस पर किसी ने बयान देना उचित नहीं समझा. लालू प्रसाद यादव के मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर हमेशा रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हैं. ऐसे में लालू प्रसाद यादव राम मंदिर नहीं जा रहे हैं तो, इसमें आश्चर्य होने की कोई बात नहीं है. चिराग पासवान ने कहा कि 22 जनवरी देश में इतिहास रचने जा रहा है, इस पर सनातन धर्म के लोग खुश हैं. मैं भी इसमें हिस्सा लेने जा रहा हूं।
नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैंः नीतीश कुमार एनडीए में शामिल होंगे तो उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान की चिंता बढ़ेगी, इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि चिराग पासवान को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. चिराग पासवान ने जिसको थर्ड पार्टी के रूप में बिहार में बनाने का काम किया उसको चिंता करने की क्या जरूरत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगर सोचेंगे कि जहां पर हैं इस तेवर में यहां पर आएंगे ऐसा नहीं होता है. नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं. उनके आने और जाने से कोई असर नहीं पड़ने वाला है. एनडीए में सीट शेयरिंग पर चिराग पासवान ने कहा कि यह बीजेपी का फैसला है. वह जो फैसला करेगी, हमें मंजूर है।
आर्थिक रूप से कमजोर को आर्थिक सहायता, चुनावी झुनझुना हैः बिहार सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 2 लाख रुपये की सहायता देगी, इस पर चिराग पासवान ने कहा कि यह किस आधार पर सरकार फैसला करेगी कि कौन आर्थिक रूप से कमजोर है और कौन नहीं है. क्योंकि उन्होंने जो जातीय गणना करायी थी उसका अभी तक कोई आधार नहीं बताया है. 90 लाख से अधिक परिवार गरीबी रेखा के नीचे है. ऐसे परिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो-दो लाख रुपए देने का निश्चय किया है, जिसको वह मास्टर स्टॉक बता रहे हैं. बिहार की जनता जानती है कि यह एक चुनावी झुनझुना है, बिहार की जनता को यह राशि मिलेगी या नहीं यह तो समय बताएगा।
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