महिला आरक्षण बिल के समर्थन में खूब गरजे चिराग पासवान: कोटे में कोटा की कर दी मांग, जानें क्या कहा

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संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल यानी “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” पर चर्चा हो रही है। इस बिल पर चर्चा के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई के सांसद चिराग पासवान खूब गरजे।चिराग पासवान ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि दो दिन पहले जब पुरानी संसद में और मौजूदा ‘संविधान सदन’ में अपना अंतिम संबोधन कर रहा था, उस वक्त इस बात की जानकारी नहीं थी कि जब नई संसद में जाएंगे तो उस संसद में जो पहला संबोधन होगा, वो देश की आधी आबादी से जुड़ा हुआ होगा।

चिराग पासवान ने कहा कि यकीनन ये हम सभी के लिए बहुत सौभाग्य की बात है। ये मांग लंबे समय से हर राजनीतिक दल करता रहा है लेकिन हर दल ने इसपर राजनीति भी खूब की। इस क़ानून को बेहतर बनाने की आड़ में लगातार इस बिल को लटकाया गया। इस बिल को संसद में आने से रोका गया है लिहाजा यही कारण है कि पिछले 27 सालों से ये बिल अपने मूल स्वरूप में नहीं आ पाया क्योंकि इसपर सिर्फ राजनीति होती रही है।

चिराग पासवान ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि किसी भी समाज और किसी भी देश के विकास के मापदंड को अगर परखना है तो वहां की महिलाओं के विकास को आपको देखना होगा। हमारे देश से बेहतर उदाहरण और क्या हो सकता है। हमारे देश के सर्वोच्च पद पर न सिर्फ एक महिला बैठी हैं, बल्कि अनुसूचित जाति-जनजाति से आने वाली महिला हमारे देश की राष्ट्रपति हैं।

चिराग पासवान ने गरजते हुए कहा कि आज की चर्चा में तीन बातें बहुत मजबूती के साथ सामने आयी हैं। पहला कि इस बिल के पास होने के बाद भी लागू होने में देरी होगी। चिराग पासवान ने विरोधी दलों से सवालिया लहजे में पूछा कि अगर देरी की इतनी ही चिंता थी तो फिर 27 सालों में क्यों नहीं ये कानून आ गया था। इसको सशक्त करने की आड़ में रोका गया था।

इसके साथ ही चिराग पासवान ने कहा कि आरक्षण को लेकर दूसरा मुद्दा उठाया गया। रिजर्वेशन विदिन रिजर्वेशन। जी हां, हम सब इसके पक्षधर हैं। हमलोग चाहते हैं कि अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं का इसमें रिप्रजेंटेशन होना चाहिए लेकिन मुझे अपने प्रधानमंत्री पर विश्वास है। लोग पिछड़ा वर्ग की बात करते हैं, हमारे प्रधानमंत्री ने खुद मंडल कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने का काम किया, जिन्होंने रोहिणी कमीशन का गठन किया, उनपर अविश्वास कैसे करेंगे।

मैं लोजपा (रामविलास) की तरफ से ये आग्रह करूंगा कि जल्द से जल्द इसमें ये प्रावधान भी जोड़ा जाए. जहां अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग से आने वाली महिलाओं के लिए भी इसमें रिजर्वेशन हो। उनके लिए भी सीटें आरक्षित की जाए।

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