लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस की टेंशन इस बात का ऐलान करके बढ़ा दी है। कि हाजीपुर लोकसभा सीट पर उनकी पार्टी का ही उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। चिराग ने हाजीपुर सीट को अपनी पार्टी की परंपरागच सीट बताया। और कहा कि लोजपा के संस्थापक और उनके पिता ने इस क्षेत्र को अपने खून-पसीने से सींचा है। ऐसे में किसी और का इस सीट पर अधिकार नहीं हो सकता। हाजीपुर सीट पर जारी चाचा-भतीजे की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है।
आपको बता दें ये पहला मौका नहीं है, जब चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट दावा ठोंका हो। लेकिन इस बार सिर्फ दावेदारी नहीं की। बल्कि ऐलान कर दिया है कि हाजीपुर सीट से उनकी ही पार्टी का उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेगा। वहीं दूसरी तरफ चिराग के चाचा और रालोजपा प्रमुख सह केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस भी इसी सीट पर अड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले दिए गए अपने बयान में जीत दावा करते हुए उन्होने कहा था कि हाजीपुर सीट से वो 2024 का लोकसभा चुनाव बिहार में सबसे अधिक वोटों से जीतेंगे।
यही नहीं पशुपति पारस ने खुद को एनडीए का ईमानदारी सहयोगी बताते हुए चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनका एनडीए से संबंध छत्तीस का है। ऐप पर पढ़ें और छह उधर हैं। अपनी पार्टी के सांसदों की संख्या बताते हुए कहा था कि हाजीपुर सीट से उनका हक कोई नहीं छीन सकता। और अब चिराग पासवान इस सीट पर हक जता रहे है। सोमवार को राजधानी पटना में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि 16 जनवरी को हाजीपुर बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट संकल्प महासभा का आयोजन ऐतिहासिक होगा।
यही नहीं पशुपति पारस ने खुद को एनडीए का ईमानदारी सहयोगी बताते हुए चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनका एनडीए से संबंध छत्तीस का है। तीन इधर और छह उधर हैं। अपनी पार्टी के सांसदों की संख्या बताते हुए कहा था कि हाजीपुर सीट से उनका हक कोई नहीं छीन सकता। और अब चिराग पासवान इस सीट पर हक जता रहे है। सोमवार को राजधानी पटना में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि 16 जनवरी को हाजीपुर बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट संकल्प महासभा का आयोजन ऐतिहासिक होगा।