पटना: बिहार में वर्ष के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इस बीच एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। उनके बहनोई और जमुई से सांसद अरुण भारती के ताजा बयान से इस संभावना को और बल मिला है।
“पार्टी चाहेगी तो चिराग चुनाव लड़ेंगे” – अरुण भारती
पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में सांसद अरुण भारती ने कहा,
“अगर पार्टी का आदेश हुआ तो चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। बिहार की जनता उन्हें देखना चाहती है और अगर कार्यकर्ता चाहेंगे तो वे जरूर चुनावी मैदान में उतरेंगे।”
इस बयान के बाद से बिहार की राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा शुरू हो गई है।
केंद्रीय राजनीति से राज्य की ओर वापसी के संकेत
कुछ दिनों पहले ही चिराग पासवान ने खुद इशारा किया था कि अब वह केंद्र से राज्य की राजनीति की ओर लौटना चाहते हैं। उनका यह रुख आगामी चुनावों में एलजेपी (रामविलास) की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है।
“बिहार हमेशा चिराग की प्राथमिकता रही है”
अरुण भारती ने चिराग पासवान के बिहार के प्रति लगाव को लेकर कहा,
“चिराग की राजनीति का केंद्र हमेशा बिहार रहा है। उन्होंने अपने हर निर्णय में राज्य के हित को प्राथमिकता दी है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर एनडीए गठबंधन के सहयोगी दलों का समर्थन मिला, तो चिराग पासवान निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
गठबंधन का रुख होगा निर्णायक
अरुण भारती ने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय एनडीए गठबंधन के भीतर सामूहिक सहमति के बाद ही लिया जाएगा।
“हम गठबंधन धर्म का पालन करते हैं। जो भी फैसला होगा, वह एनडीए के साझा विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
राजनीतिक पारा चढ़ा, एलजेपी की भूमिका होगी अहम
बिहार में पहले से ही सियासी माहौल गरम है। चिराग पासवान के चुनाव लड़ने की संभावना से इस पारे में और उबाल आ गया है। अगर वह विधानसभा चुनावी रण में उतरते हैं, तो यह तय है कि एलजेपी (रामविलास) राज्य की राजनीति में एक अहम खिलाड़ी के रूप में उभरेगी।