लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को कहा कि उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत पर उनके दावे का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समर्थन किया है। चिराग ने अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी होने के दावे के बारे में पूछे जाने पर कहा, “लोकसभा चुनाव में किस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा, यह फैसला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को संयुक्त रूप से लेना है, लेकिन मेरे पिता की विरासत पर मेरे दावे का समर्थन प्रधानमंत्री पहले ही कर चुके हैं, जो गठबंधन में सबसे बड़े नेता हैं।’’
चिराग से नाराज हैं पशुपति पारस
उन्होंने 28 नवंबर को प्रस्तावित पारस की रैली के बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा। इस रैली को पारस द्वारा शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। पारस हाजीपुर से मौजूदा सांसद हैं और चिराग द्वारा अपनी मां के लिए सीट मांगने से नाराज हैं। पासवान ने कहा, ‘‘इसके अलावा, जब प्रधानमंत्री ने हाल में तेलंगाना की एक रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मेरे पिता के प्रति दुर्व्यवहार के लिए फटकार लगाई, तो उन्होंने मेरा नाम लिया, न कि अपने मंत्रिमंडल के किसी सदस्य का।’’ चिराग ने कहा कि उनके पिता को मरणोपरांत दिए गए पद्म भूषण पुरस्कार को प्राप्त करने के लिए केंद्र द्वारा उन्हें आमंत्रित किया गया था, न कि उनके चाचा को।
2021 में पारस ने चिराग के खिलाफ किया था विद्रोह
दिवंगत रामविलास पासवान द्वारा स्थापित लोजपा उनके निधन के कुछ महीनों बाद 2021 में उस समय विभाजित हो गई थी, जब पारस ने पार्टी के अन्य सांसदों के समर्थन से चिराग के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। पासवान ने अपने धुर विरोधी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्र को ‘‘ब्लैकमेल’’ करने का भी आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में उस बंगले से बेदखल कर दिया गया, जिस पर उनके दिवंगत पिता का दशकों से कब्जा था।