झारखंड में चुनावी सरगर्मी के बीच बिहार के खगड़िया जिले में हुई एक घटना ने सबका ध्यान खींचा, खास तौर पर तब जब बात राजनीतिक हस्तियों से करीबी तौर पर जुड़े लोगों की सुरक्षा की हो। राजेंद्र पासवान के बेटे देवेंद्र कुमार पासवान पर धमारा-खरैता घाट पथ पर ठुठ्ठी पुल के पास हमला किया गया।
इस घटना ने न केवल लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ाई बल्कि राजनीतिक हस्तियों से जुड़े लोगों की सुरक्षा को भी उजागर किया। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के चचेरे भाई देवेंद्र उस समय खतरनाक स्थिति में फंस गए जब वे बेगूसराय से अपने निजी वाहन से घर लौट रहे थे।
हथियारबंद हमलावरों ने उन पर घात लगाकर हमला किया और हथियारों का भय दिखाकर उन्हें गाड़ी रोकने पर मजबूर कर दिया। हमलावरों ने ना सिर्फ मारपीट की, बल्कि देवेंद्र की गाड़ी से 4.5 लाख रुपये और एक सोने की चेन सहित काफी संपत्ति भी लूट कर फरार हो गए। जान से मारने की धमकी भी दी।
यह घटना अपराधियों की बेशर्मी और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में कानून प्रवर्तन के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालती है। हमले के बाद देवेंद्र ने चौथम थाने में शिकायत दर्ज कराकर न्याय की गुहार लगाई। हमले के दौरान वह काफी डर गए थे और लाचारी भी महसूस कर रहे थे।
इस अपराध की सूचना मिलते ही अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की। थाना प्रभारी राजीव कुमार ने कहा कि एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। मामले की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सखत कार्रवाई भी की जाएगी।
घटना की जानकारी मिलने पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के जिला अध्यक्ष शिवराज यादव और मोहन कुमार समेत पार्टी के सदस्य देवेंद्र से मिलने पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। यह घटना न केवल व्यक्तियों, विशेष रूप से राजनीतिक हस्तियों से जुड़े लोगों के सामने आने वाले जोखिमों को उजागर करती है। बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है।