विशेष राज्य के दर्जे की मांग का चिराग ने किया समर्थन, बोले- ‘नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा विधानसभा चुनाव’
एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ेगा. लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय विपक्षी दलों के द्वारा प्रचारित किया जा रहा था कि इस बार एनडीए का खाता नहीं खुलेगा, लेकिन चुनाव परिणाम ने दिखा दिया की जनता एनडीए के साथ है. चिराग पासवान ने कहा कि एनडीए की तरफ से कुछ लापरवाही हुई इसी कारण विपक्षी पार्टी को कुछ सीट मिल गई।
बिहार में फिर डबल इंजन की सरकारः चिराग पासवान ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव, नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. एक बार फिर से बिहार में डबल इंजन की सरकार बनेगी. अश्विनी चौबे ने कुछ दिन पहले बीजेपी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी, इस पर चिराग पासवान ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है. अधिकृत बयान पार्टी अध्यक्ष का होता है. उन्होंने कहा कि वह अश्विनी चौबे का सम्मान करते हैं।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेः जदयू द्वारा बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले. यदि कोई राजनीतिक दल इस तरीके की मांग करता है तो यह प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं है. उन्होंने कहा कि यह मामला नीति आयोग के अधीन आता है. कुछ टेक्निकल इश्यूज होंगे यही कारण है कि अभी तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला है. लेकिन फिर भी हम लोग बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हैं।
विपक्षी नेताओं के रवैये पर जताया दुखः चिराग पासवान ने इमरजेंसी को लेकर लोकसभा में शोक व्यक्त करने के कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं के रवैया पर दुख प्रकट किया. चिराग पासवान ने कहा कि लालू यादव ने भी किस उद्देश्य से सोशल मीडिया में इस पर बयान दिया है इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन यह लोग वही है जो उनके पिता रामविलास पासवान के साथ इमरजेंसी का विरोध किए थे. यातनाएं भी सही थी और जेल भी गए थे।
आने वाली पीढ़ी को हो इमरजेंसी की जानकारीः चिराग पासवान ने कहा कि इमरजेंसी के 50 वर्ष हुए हैं तो लोगों को उसके बारे में जानकारी होनी चाहिए. सदन में इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव आना चाहिए. कांग्रेस को भी बताना चाहिए कि क्या वह इमरजेंसी के समर्थन में हैं या विरोध में. जब सदन में लोकसभा के अध्यक्ष प्रस्ताव ला रहे थे तो कांग्रेस के नेता ही सिर्फ हंगामा कर रहे थे बल्कि इंडिया एलायंस के घटक दल भी इस मामले में चुप्पी साधे थे।