बिहार में चौकीदार अब खुफियागिरी यानी जासूसी करेंगे। वे अपने कार्य क्षेत्र की प्रत्येक गतिविधि पर निगरानी रखेंगे और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि अथवा अपरिचित, संदिग्ध व्यक्तियों के क्षेत्र में प्रवेश की सूचनाएं समय-समय पर पुलिस प्रशासन को देंगे।
चौकीदार अपने क्षेत्र में होने वाले सभी भूमि विवाद, अतिक्रमण आदि की सूचना संबंधित थानों को देंगे ताकि मामला गंभीर होने के पहले सुलझाया जा सके और निर्धारित शनिवार की बैठक में इसकी समीक्षा की जा सके। गुरुवार को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों के लिए इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया।
इसके अनुसार सूचना ग्रहण करने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर संबंधित पदाधिकारी व कर्मी की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। सभी डीएम एवं एसपी को निर्देश दिया गया है कि चौकीदार संवर्ग के कर्मियों से कैदी एस्कॉर्ट ड्यूटी, बैंक ड्यूटी, निजी आवास ड्यूटी न ली जाए एवं उन्हें क्षेत्र में ही रहकर अपने कर्तव्यों को पूरा करने दिया जाए।
निर्देश के अनुसार चौकीदार अपने क्षेत्र के अंतर्गत सभी प्रकार के साम्प्रदायिक विवाद, त्योहार मंदिर, मस्जिद, कब्रिस्तान एवं श्मशान घाट इत्यादि से संबंधित विवादित मामलों की सूचना ससमय संबंधित थाने को देंगे। पारिवारिक विवाद, दहेज उत्पीडन, बाल विवाह एवं गांव से जुड़े अन्य विवादित मामले की सूचना ससमय थाना को उपलब्ध कराना होगा। अपने निर्धारित क्षेत्र में शराब का निर्माण, वितरण, क्रय-विक्रय तथा उपभोग किसी भी परिस्थिति में न हो, इसके लिए पूर्ण सचेष्ट रहने एवं ऐसी गतिविधियों की सूचना पुलिस प्रशासन को दिये जाना भी उनकी जिम्मेदारी होगी।
अपने क्षेत्र के अंतर्गत किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अप्रत्याशित धनार्जन एवं वैभव का प्रदर्शन (जिससे साइबर क्राइम से जुड़े होने की आशंका उत्पन्न होती है) के संबंध में भी सूचना उपलब्ध कराना होगा। साथ ही, अपने क्षेत्र के ग्राम में हुए जन्म-मरण की रिपोर्ट, समय-समय पर जिला दंडाधिकारी द्वारा नियत पदाधिकारी को देना होगा।