संसद भवन में विजिटर्स और सामानों की जांच के लिए संसद परिसर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की एक टुकड़ी तैनात की गई है। सीआईएसएफ के कुल 140 जवानों ने सोमवार से संसद परिसर में मोर्चा संभाल लिया है। सूत्रों के मुताबिक सीआईएसएफ के जवान संसद में आनेवाले विजिटर्स और उनके सामानों की जांच करेंगे। पिछले साल 13 दिसंबर को संसद पर हमले के बरसी के दिन कुछ लोग संसद भवन की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और उन्होंने रंगीन धुआं फैला दिया था। इस दौरान इन युवकों ने नारेबाजी भी की थी। इस घटना के बाद ही संसद की सुरक्षा की समीक्षा करते हुए विजिटर्स की जांच के लिए सीआईएसएफ को तैनात करने का फैसला लिया गया।
31 जनवरी से शुरू हो रहा है संसद का सत्र
जानकारी के मुताबिक सीआईएसफ का दल वहां पहले से मौजूद अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संसद परिसर का निरीक्षण कर रहा है ताकि वे 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने पर अपनी ड्यूटी संभालने के लिए तैयार रहें। सीआईएसएफ नए और पुराने संसद भवन की हवाईअड्डे की तरह सुरक्षा प्रदान करेगा। संसद भवन में पहुंचनेवाले विजिटर्स और उनके सामानों की जांच एक्स-रे मशीनों, हैंड डिटेक्टर्स के माध्यम से की जाएगी। यहां तक कि जूते को स्कैन करने के भी इंतजाम किए गए हैं। भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे पर रखकर एक्स-रे स्कैनर से गुजारा जाएगा।बता दें कि करीब 1.70 लाख कर्मियों वाला सीआईएसएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है और यह एयरोस्पेस और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के अलावा देश के 68 सिविल एयरपोर्ट की सुरक्षा करता है।
पहले दिल्ली पुलिस-पार्लियामेंट सिक्योरिटी से जुड़े लोग संभालते थे सुरक्षा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रो के मुताबिक सीआईएसएफ संसद में विजिटर्स की सुरक्षा जांच और फ्रिस्किंग का करेगी। इससे पहले दिल्ली पुलिस और पार्लियामेंट सिक्योरिटी से जुड़े लोग गेट पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालते थे। लेकिन 13 दिसंबर 2023 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े थे। इन लोगों ने संसद के अंदर पीले रंग का धुआं छोड़ा था। इससे पहले कि ये लोग कुछ और कर पाते संसद में मौजूद कुछ सांसदों ने दोनों को पकड़ कर सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया। इन दोनों आरोपियों का नाम सागर शर्मा और मनोरंजन डी है। इस घटना के बाद संसद की सुरक्षा को और पुख्ता करने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया और विजिटर्स की जांच की जिम्मेदारी सीआईएसएफ को सौंप दी गई है।