देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा में शुमार यूपीएससी के सिविल सर्विसेज की प्रारंभिक परीक्षा रविवार को संपन्न हो गयी. बिहार की राजधानी में परीक्षा के लिए 92 केंद्र बनाए गये थे, जहां 44 हजार से भी अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी. परीक्षार्थियों के मुताबिक इस बार इकोनॉमिक्स और कॉम्प्रहेंसिव के प्रश्नों ने थोड़ा परेशान किया।
ठीक था पेपरः परीक्षा देकर निकले अधिकतर परीक्षार्थियों ने कहा कि पेपर बहुत ही बढ़िया था. हां, जीएस पेपर-1 में इकोनॉमिक्स के प्रश्नों को हल करने में थोड़ा समय लगा वहीं सी-सैट पेपर 2 में कॉम्प्रहेंसिव के प्रश्नों ने काफी उलझाया और बनाने में समय लगा. बता दें कि जीएस पेपर 100 अंकों का होता है जबकि सी-सैट पेपर-2, 80 अंकों का होता है।
गणित के सवालों के पैटर्न बदले थेः परीक्षार्थी कैलाश पाठक ने बताया कि “प्रश्नों का स्तर करीब-करीब पिछले साल जैसा ही था. इकोनॉमिक्स और कॉम्प्रहेंसिव के प्रश्न थोड़े कठिन जरूर लगे.इसके अलावा गणित के सवाल भी बदले हुए पैटर्न में पूछे गए थे. मॉडरेट टू हाई स्टैंडर्ड का क्वेश्चन पेपर रहा है.”
“यह मेरा दूसरा अटेम्प्ट है और परीक्षा अच्छा गयी है. जीएस पेपर वन का क्वेश्चन ठीक था लेकिन पेपर 2 सीसैट में प्रश्न कठिन थे. जीएस पेपर में इकोनॉमिक्स और पॉलिटिक्स, करंट अफेयर्स से प्रश्न पूछे गए थे. यूपीएससी हर बार अपने क्वेश्चन पैटर्न में थोड़ा चेंज करता है और इस बार भी थोड़ा चेंज हुआ था.” शिवम कुमार सिंह, परीक्षार्थी
‘मैथ और रिजनिंग के प्रश्न आसान थे’: परीक्षार्थी सनोवर शेख ने बताया कि “सी-सैट में मैथमेटिक्स और रिजनिंग के प्रश्न आसान थे. कॉम्प्रहेंसिव का पार्ट थोड़ा टाइम टेकिंग वाला था. जीएस पेपर में इकोनॉमिक्स पॉलिटिक्स और ज्योग्राफी से ठीक-ठाक प्रश्न पूछे गए थे और किसी टॉपिक से बहुत अधिक और किसी से बहुत कम नहीं पूछा गया.”
” प्रश्न पत्र एक स्टैंडर्ड का था. महिला सशक्तीकरण से जुड़े सवाल थे, नारी शक्ति वंदन अधिनियम से जुड़े सवाल थे. इकोनॉमिक्स पिछले साल की तुलना में कठिन था लेकिन जीएस का पेपर भी स्टैंडर्ड का था और उनका पेपर अच्छा गया है. सी-सैट पेपर क्वालीफाइंग होता है, इसमें मैथ और रिजनिंग उन्हें आसान लगे.” भावना, परीक्षार्थी