सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय गृह मंत्रालय में ठनी, हेलीकॉप्टर को लेकर हुआ है विवाद

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राजस्थान के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्रालय में ट्विटर पर विवाद हो गया है। शुक्रवार को अशोक गहलोत ने उनके हेलीकॉप्टर को G20 सम्मेलन की वजह से उड़ान भरने की अनुमति ना देने की बात कही थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ना उनके दावे का खंडन किया है। इस पर सीएम गहलोत ने भी जवाब दिया है। बता दें कि गहलोत को शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हवाई मार्ग से जाना था, लेकिन उन्होंने ट्वीट करके बताया कि गृह मंत्रालय ने अनुमति नहीं दी।

अशोक गहलोत ने ट्वीट करते झुए लिखा, “बाबा श्री खींवादास जी महाराज की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में सांगलिया पीठ, सीकर जाने का कार्यक्रम था परन्तु जी-20 की बैठक के कारण गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने एयरस्पेस में उदयपुर से सीकर हेलिकॉप्टर से जाने की अनुमति नहीं दी जिसके कारण आज सांगलिया पीठ नहीं पहुंच पा रहा हूं। सांगलिया पीठ के पीठाधीश्वर श्री ओम दा‌स महाराज से फोन पर बात कर जानकारी दी। मैं जल्दी ही सांगलिया पीठ आशीर्वाद लेने आऊंगा।”

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ट्वीट करते हुए लिखा, “एक समाचार रिपोर्ट में, राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्रालय द्वारा उनके हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए मंजूरी देने से इनकार करने का दावा किया है। सीकर सहित उड़ान अनुमति के लिए सीएम राजस्थान से चार अनुरोध प्राप्त हुए थे, और सभी को एमएचए द्वारा अनुमोदित किया गया था। सीएम राजस्थान के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है। जबकि वाणिज्यिक विमानों की सभी निर्धारित उड़ानों और राज्यपालों और राज्य के मुख्यमंत्रियों को अपने राज्य के विमानों पर आवाजाही की अनुमति है, निजी चार्टर्ड उड़ानों के लिए विशिष्ट एमएचए अनुमोदन की आवश्यकता होती है।”

इसके बाद अशोक गहलोत ने लिखा, “कल मेरा उदयपुर से जयपुर प्लेन से एवं जयपुर से सीकर एवं सीकर से निवाई हेलिकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था। इसके लिए हेलिकॉप्टर को एडवांस में उदयपुर से जयपुर पहुंचना था परन्तु ऐसा बताया कि जी-20 के प्रोटोकॉल कारण हेलिकॉप्टर या प्लेन तभी यात्रा कर सकते हैं जब CM स्वयं उसमें सवार हो। हेलिकॉप्टर की उड़ान की अनुमति 10.48 AM पर ई-मेल कर मांगी गई परन्तु 2.50 PM तक अनुमति नहीं मिली। वहां इंतजार कर रही जनता को जानकारी देने के लिए 2.52 PM पर ट्वीट कर ना आ पाने का कारण बताया और सांगलिया पीठ में श्री ओम दास महाराज को भी फोन कर जानकारी दी। इसके बाद 3.58 PM पर अनुमति आई परन्तु तब तक मैं उदयपुर से जयपुर के लिए प्लेन से निकल चुका था एवं जयपुर पहुंचकर सड़क मार्ग से निवाई गया।

जी-20 के नाम पर मुझे कोई विवाद पैदा नहीं करना था इसलिए इसकी कोई निंदा नहीं की एवं केवल जनता को तथ्यों की जानकारी दी थी। परन्तु मुझे अब दुख है कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है।

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