स्वच्छ गंगा मिशन: सहायक नदियों के प्रवाह और डॉल्फिन संरक्षण जैसी परियोजनाओं को मंजूरी
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) की 58वीं कार्यकारी समिति की बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। चंबल, सोन, दामोदर और टोंस नदियों के पर्यावरणीय प्रवाह का आकलन और गंगा नदी डॉल्फिन के संरक्षण के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना को इसमें मंजूरी दी गई है। इस दौरान यात्रा वृत्तांत श्रृंखला ‘रग-रग में गंगा- एक जीवन धारा’ के तीसरे सीज़न के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। यह नया सीज़न गंगा के महत्व और संरक्षण प्रयासों को नए नजरिए से प्रस्तुत करेगा। देभशर के दर्शक इस सीरीज को दूरदर्शन पर देख सकेंगे।
बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल ने की। इन परियोजनाओं का उद्देश्य गंगा नदी और उसके जलीय जीवन के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है।
परियोजना का उद्देश्य हाइड्रोलॉजिकल और हाइड्रोडायनामिक मॉडल तैयार करना है
जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार 11 करोड़ रुपये के अनुमानित बजट के साथ बनी पर्यावरणीय प्रवाह संबंधित परियोजना का उद्देश्य हाइड्रोलॉजिकल और हाइड्रोडायनामिक मॉडल तैयार करना भी है। वहीं ‘फंसे हुए गंगा नदी डॉल्फ़िन की सुरक्षा के लिए उन्नत बचाव प्रणाली’ का अनुमानित बजट 1 करोड़ रुपये है। इसका उद्देश्य संकट में डॉल्फ़िन की सहायता के लिए एक विशेष बचाव वाहन, ‘डॉल्फ़िन एम्बुलेंस’ विकसित करना है। बैठक में उत्तर प्रदेश में गंगा बेसिन में लुप्तप्राय कछुओं के संरक्षण के लिए एक परियोजना को भी मंजूरी दी गई है।
बर्धमान में एकीकृत सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना को संशोधित मंजूरी
कोलकाता के केओरापुकुर में 50 एमएलडी एसटीपी (मिलियन लीटर प्रतिदिन सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट) के पुनर्वास को 114.27 करोड़ रुपये के संशोधित बजट के साथ मंजूरी दी गई है, जो प्रारंभिक 67.06 करोड़ रुपये से अधिक है। पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एकीकृत सेप्टेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना को संशोधित मंजूरी देकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस परियोजना को अब 6.46 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10.35 करोड़ रुपये का संशोधित बजट दिया गया है।
यात्रा वृत्तांत श्रृंखला ‘रग-रग में गंगा- एक जीवन धारा’ के तीसरे सीज़न के प्रस्ताव को दी गई मंजूरी
बैठक के दौरान यात्रा वृत्तांत श्रृंखला ‘रग-रग में गंगा- एक जीवन धारा’ के तीसरे सीज़न के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह नया सीज़न गंगा के महत्व और संरक्षण प्रयासों को नए नजरिए से प्रस्तुत करेगा। हिंदी में 16 एपिसोड वाली यह श्रृंखला गंगा के पुनरुद्धार की अविश्वसनीय यात्रा को प्रदर्शित करेगी, जिसमें गंगा डॉल्फिन और घड़ियाल जैसे दुर्लभ जलीय जीवों का संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा शामिल है।
आपको बता दें, यह श्रृंखला लगभग 6.25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है। गंगा नदी से जुड़ी भारत की अमूल्य विरासत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा। देभशर के दर्शक इस सीरीज को दूरदर्शन पर देख सकेंगे।
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