NationalTOP NEWSTrending

सुरंग से बचाए गए मजदूरों के परिजनों संग जमकर नाचे CM धामी, बोले- परिजनों जितनी खुशी मुझे भी हुई

उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के सकुशल बाहर आने की खुशी में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में पूरे हर्षोल्लास से ईगास मनाई गई। उत्तराखंड में दीवाली के 10 दिन बाद ईगास या बूढ़ी दीवाली मनाई जाती है। हालांकि दीवाली वाले दिन सुरंग हादसा होने तथा उसके बाद फंसे श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने के प्रयासों के पूरा न होने के कारण मुख्यमंत्री ने त्योहार नहीं मनाया था। मुख्यमंत्री आवास में देर शाम हर्षोल्लास से मनाई गई ईगास में सिलक्यारा सुरंग से बाहर आए मजदूरों के परिजन भी शामिल हुए।

परिजनों के संग थिरके सीएम धामी

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर मजदूरों के परिजनों को फूलों की माला पहनाई तथा उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए जिनके जरिए मजदूरों के परिजन राज्य की लोक संस्कृति से रूबरू भी हुए। कुछ परिजनों ने भी सांस्कृतिक नृत्य में हिस्सा लिया और अपनों के सुरक्षित वापस आने की खुशी मनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग हादसे के चलते हम सब इस बार दीवाली नहीं मना पाए थे और सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिए जाने के बाद आज दीवाली और ईगास का जश्न मनाया गया है।

‘हमारे लिए आज ईगास का पर्व है’

सीएम धामी ने कहा,’हमारे लिए आज ईगास का पर्व है क्योंकि हमारे श्रमिक भाई सकुशल बाहर आ गए हैं और स्वस्थ हैं।’ इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सुरंग में फंसे रहने के दौरान श्रमिकों के साहस और उनके परिजनों के धैर्य की भी सराहना की। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘भेलू’ (लकड़ियों के गटठर में आग लगाकर उसे रस्सी से घुमाना) खेला और लोक नृत्य कर ईगास पर्व मनाते हुए सभी प्रदेशवासियों को त्यौहार की शुभकामनाएं दी। बचाव अभियान की सफलता का श्रेय धामी ने बचाव दलों की तत्परता, तकनीक के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की जीवटता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं बौखनाग देवता की कृपा को दिया।

‘परिजनों जितनी खुशी मुझे भी हुई’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिये यह अवसर बड़ी खुशी का है। उन्होंने कहा कि जितनी प्रसन्नता श्रमिक बंधुओं और उनके परिजनों को है, उतनी ही खुशी उन्हें भी हुई है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने 23 नवंबर को ईगास का पर्व न मनाने का निर्णय लेते हुए अपने आवास पर इस संबंध में आयोजित कार्यक्रम रद्द कर दिया था। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह जाने से मलबे के दूसरी ओर मजदूर फंस गए थे जिन्हें युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार रात को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी