जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्णय के सामने ईडी पेशोपेश की स्थिति में है. मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन पन्नों का एक पत्र ईडी को भेजा, एजेंसी के जांच पर ही सवाल उठा दिया है. पत्र के जरिए सीएम ने स्पष्ट कर दिया है कि उनसे जो कुछ पूछना है वह पत्र के जरिए ही पूछें।
सातवें समन के जवाब में भी भेजा पत्र
जमीन घोटाले मामले में ईडी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बीच समन और पत्र का खेल चल रहा है. एक के बाद एक ईडी ने सीएम हेमंत को सात बार नोटिस भेज दिया, लेकिन हर नोटिस के जवाब में सीएम ने अपना पत्र भेज दिया. ईडी ने सातवीं बार सीएम को यह बताते हुए कि वे आखिरी नोटिस भेज रहे हैं, सीएम जमीन घोटाले मामले में अपने बयान को दर्ज करवाने के लिए एक जगह मुकर्रर करें, लेकिन इस बार भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के सातवें समन पर भी जवाबी पत्र भेज दिया. सीएम ने ईडी को पूछताछ की जगह, तारीख और वक्त बताने के बजाय एजेंसी के समन को ही अवैध बताया है।
समन की जानकारी पहले मीडिया को-सीएम
सूत्रों के मुताबिकमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पत्र में यह लिखा है कि उनके मामले में ईडी मीडिया ट्रायल चला रही है. समन मिलने की जानकारी उन्हें बाद में मिलती है, उससे पहले वह जानकारी मीडिया तक पहुंच जाती है. एक तरह से ईडी को लिखे पत्र में सीएम ने अपनी भड़ास निकाली है. पत्र में सीएम ने यह भी लिखा है कि समन की वजह से उनकी राजनीतिक छवि को खराब किया जा रहा है. इसके साथ-साथ झारखंड जैसे राज्य को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. पत्र में सीएम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं होंगे।
सारी जानकारी पहले दे चुके हैं, जो पूछना है पत्र के जरिए पूछे
ईडी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि वह अपनी संपत्ति से लेकर सारे विवरण 30 नवंबर 2022 को ही हलफनामे के जरिए दे चुके हैं. अब इससे अलग अगर किसी विषय में ईडी को कोई जानकारी चाहिए तो वह पत्र के जरिए उनसे पूछ सकती है।