मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में राजनीति तेज हो चुकी है। पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए गए। इस मुद्दे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अचानक मणिपुर में इतनी अधिक रूचि दिखा रही है। पार्टी को थोड़ा मुड़कर पीछे देखना चाहिए। इसी तरह के संकटों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रतिक्रिया देखनी जरूरी है।
मणिपुर पर कांग्रेस की चिंता पर बोले हिमंता बिस्वा सरमा
हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि पार्टी का दोहरापन चिंताजनक है। यूपीए कार्यकाल के दौरान मणिपुर नाकाबंदी की राजधानी बन गई थी। साल 2010 से लेकर 2017 के बीच कांग्रेस ने मणिपुर पर शासन किया। ऐसे में हर साल लगभग 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नकाबंदी होती थी। असम सीएम ने कहा कि हर साल नाकाबंदी के दौरान पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें 240 से 1900 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ जाते थे। साल 2011 में मणिुपर में 120 दिनों सें अधिक समय तक अलग-अलग नाकाबंदी चली।
कांग्रेस के दौर में 123 दिनों तक रहती थी नाकाबंदी
उन्होंने कहा कि साल 2011 में मणिपुर जल रहा था। इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री और यूपीए अध्यक्ष ने उन 123 दिनों के दौरान एक शब्द नहीं बोला था। वे निजी कंपनियों को बचाने में और उन्हें डूबने से उबारने में व्यस्त थे। हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि 7 दशकों के मणिपुर में चल रहे कुशासन से उत्पन्न दोष रेखाओं को सुधारने में समय तो लगेगा। साल 2014 के बाद से मणिपुर के सामाजिक ताने-बाने में सुधार देखने को मिला है। दशकों से चल रहे पुराने जातीय संघर्षों को सुलझाने की प्रक्रिया जल्द ही खत्म हो जाएगी।