केंद्र से पश्चिम बंगाल के बकाया की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का धरना ठंड के बीच रात भर जारी रहा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार सुबह टहलने भी गईं। ममता ने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं के साथ शुक्रवार दोपहर को कोलकात के मैदान क्षेत्र में भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के सामने प्रर्दशन शुरु किया था। सीएम ममता के साथ मंत्री फिरहाद हाकिम और अरूप विश्वास समेत कई नेता रात में धरना स्थल पर ही रुके थे। सुबह वह पास के रेड रोड पर टहलने गईं और एक बास्केटबॉल मैदान का भी दौरा किया।
रातभर धरने के बाद सुबह की सैर पर निकलीं
टीएमसी के एक नेता ने बताया, “इलाके में घना कोहरा छाया हुआ था इस दौरान बनर्जी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ सुबह की सैर के लिए निकलीं थी। इस बीच एक बास्केटबॉल मैदान में कुछ खिलाड़ियों को देखकर वह रुक गईं और उनसे बात की। उन्होंने खेल और इसमें इस्तेमाल की जाने वाली गेंद के बारे में भी जानकारी ली।” ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर राज्य की मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का हजारों करोड़ रुपये बकाया है। टीएमसी का ये धरना रविवार तक जारी रहेगा, सोमवार से राज्य का बजट सत्र शुरू हो रहा है।
दिल्ली में भी किया था धरना प्रदर्शन
बता दें कि इससे पहले, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी विधायकों, सांसदों, मंत्रियों और मनरेगा कार्यकर्ताओं के एक समूह के साथ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था और यहां राजभवन के बाहर 5 दिन तक धरना दिया था। बनर्जी के नेतृत्व में पिछले वर्ष मार्च में भी इसी तरह का दो दिवसीय धरना दिया गया है। तृणमूल के सूत्रों के मुताबिक, यह धरना लोकसभा चुनाव से पहले इस मुद्दे पर तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन है।
ममता ने कैग रिपोर्ट में को बताया गलत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि सरकारी धन के उपयोग को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी से भरी’ है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में खामियों से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कैग रिपोर्ट के कथित निष्कर्षों के आधार पर पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए उसे ‘सभी घोटालों की जननी’ करार दिया था। कैग रिपोर्ट को खारिज करते हुए ममता ने इसे ‘झूठ और अशुद्धियों से भरा हुआ’ करार दिया।