जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 29 जून को दिल्ली में हुई. उस बैठक में संजय झा को राष्ट्रीय कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का बड़ा फैसला हुआ है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली में कहा कि बैठक में मैंने सारी बातें रखी और अंत में मैंने ही घोषणा कर दी कि संजय झा जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे और सब ने इसको स्वीकार कर लिया. इस दौरान एक बार फिर सीएम की जुबान फिसल गई और उन्होंने संजय झा को लोकसभा का सदस्य बता दिया।
संजय झा को लेकर भूले सीएम: पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ये भूल गए कि संजय झा राज्यसभा में हैं या लोकसभा के सांसद हैं. उन्होंने कहा कि वह (संजय झा) कई राज्यों के प्रभारी रह चुके हैं. अब सभी जगहों पर काम देखेंगे और सभी लोगों से बात करेंगे. सीएम ने का कि पहले वह बिहार में रहते थे, अब उनको लोकसभा में भेज दिए हैं. हालांकि फौरन पास में खड़े संजय झा ने उनको टोका और याद दिलाया कि वह राज्यसभा के सांसद हैं. उसके बाद नीतीश ने मुस्कुराते हुए कहा कि हां राज्यसभा में इनको भेजे हैं।
“मीटिंग में सब लोगों की बात हो गई. जब हम सब कुछ बता रहे थे, तब लास्ट में हम इनके बारे में कहा कि यही रहेंगे. पहले वहां ना रहते थे जी. अब भेज दिए हैं लोकसभा, हां राज्यसभा में. अब यहां रहेंगे तो पूरा का पूरा सब जगह का काम देखेंगे और सभी लोगों से बात करेंगे. ये अच्छा रहेगी. कई राज्यों का तो इंचार्ज हम इनको बनाए हुए थे, इसलिए हम खुद ही इनको घोषित किए तो सब लोग स्वीकार कर लिया.”- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
कौन हैं संजय झा?: ब्राह्मण समाज से आने वाले राज्यसभा सांसद संजय झा को नीतीश कुमार का बेहद करीबी और भरोसेमंद माना जाता है. वह 2012 में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर जनता दल यूनाइटेड में आए थे. 2014 में उन्होंने दरभंगा सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था. जेडीयू से वह कई बार विधान परिषद के सदस्य बनाए गए. नीतीश सरकार में मंत्री भी रहे हैं. हाल में ही उनको राज्यसभा भेजा गया. वहीं 29 जून को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।