बिहार में एनडीए सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं। नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद शासन स्तर पर बदलाव का दौर जारी है। अब नीतीश के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को हटा दिया है। अब नए सिरे से हर जिले में प्रभारी मंत्री बनाए जाएंगे। इसके साथ ही महागठबंधन सरकार में गठित सभी 38 जिलों की 20 सूत्री समितियों को भी भंग कर दिया गया है। इस संबंध में दो अलग-अलग आदेश शुक्रवार को जारी हुए।
दरअसल, कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष और जिलों के प्रभारी मंत्रियों के पहले की निर्गत अधिसूचना को निरस्त करने का भी आदेश जारी किया गया है।जिसके बाद बिहार के सभी 38 जिलों में कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है। जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति को 20 सूत्रीय भी कहा जाता है। जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों को मनोनीत किया गया था। अब इन समितियों को भी भंग कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सभी जिलों में नए सिरे से प्रभारी मंत्री बनेंगे। राज्य सरकार ने मौजूदा प्रभारी मंत्रियों का मनोनयन रद्द कर दिया। कैबिनेट विभाग ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के बाद अब किसी जिले में कोई प्रभारी मंत्री नहीं रह गया है। मनोनयन को लेकर पूर्व के आदेश को ही निरस्त कर दिया गया है।
मालूम हो कि, महज तीन महीने में ही कमेटी खत्म की गई है। अब नई कमेटी में बीजेपी नेताओं को जगह दी जायेगी। महागठबंधन सरकार ने 19 अक्टूबर 2023 को बीस सूत्रीय का गठन किया था। 20 सूत्री जिला स्तरीय समिति में जिला प्रभारी मंत्री को अध्यक्ष बनाया जाता है। जिसमें मुंगेर को छोड़कर बाकी 37 जिलों में कमेटी बनाई गई थी।
आपको बताते चलें कि, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पटना जिले का अध्यक्ष बनाया गया था। पटना जिला का उपाध्यक्ष अशोक चौधरी थे। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में 20 सूत्रीय कमेटी के अध्यक्ष वित्त मंत्री विजय चौधरी को गया था। रोहतास जिले के अध्यक्ष लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज और उपाध्यक्ष रामचन्द्र ठाकुर एवं अजय कुमार सिंह थे।