देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन राज्यों में कांग्रेस की मिली करारी हार और इंडिया गठबंधन की बैठक को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि वह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में होने वाली पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में शामिल होंगे।
बता दें कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी होने के नाते अमित शाह और नीतीश कुमार पिछले कई महीने से एक दूसरे के साथ कोई बैठक नहीं किए हैं। ऐसे में इस बैठक को लेकर यह चर्चा थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसमें जाएंगे या नहीं? इस दौरान नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन की बैठक में वह जरूर जाएंगे। उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ इंडिया गठबंधन को मजबूत करना है।
उन्हें कोई पद नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरे छप रही थीं कि हम बैठक में नहीं जा रहे, हमारी तबीयत खराब थी। अगली बैठक होगी तो हम कहेंगे कि आगे की सभी चीज़ें तय कर ली जाए। मैंने शुरू से कहा है कि यह देश के हित में है। मेरे बारे में गलत अफवाह फैलाई जा रही है। हम लोग तो चाहते ही हैं बैठक हो और 2024 के चुनाव से पहले कोई ठोस निर्णय हो।
वहीं, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस को एक राज्य में जीत मिली है। चुनाव में इस तरह का परिणाम होते रहता है। पहले राजस्थान और छतीसगढ़ में कांग्रेस थी। बड़े स्तर पर कांग्रेस को भी वोट मिला है। उन्होंने कहा कि हम तो कहते रहे हैं कि जल्द बैठक कीजिये।
आपस में बातचीत कर सभी विपक्षी दलों में बेहतर समन्वय बनाएं क्योंकि लोकसभा चुनाव में अब ज्यादा समय शेष नहीं बचा है। इस काम को लेकर मेरा व्यक्तिगत कुछ नहीं है। मैं प्रधानमंत्री पद के रेस में नहीं हूं। उन्होंने कहा कि ये लोग देश में जाति आधारित गणना कराते तो कितना फायदा होता।
विशेष राज्य का दर्जा मिल जाए तो कितना बिहार का विकास होता। बिहार एक पौराणिक धरती है। राज्य के हित में अपना काम करता रहता हूं। हम लोग पूरी तरह से एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि हमने राज्य में जाति गणना कराई, आर्थिक सर्वे में सभी जातियों की गरीबी का पता चला।