बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कब क्या फैसला ले लें यह बता पाना मुश्किल है. सियासी गलियारे के जानकार पंडित भी इसमें मात खा जाएंगे. इस बीच मंगलवार (19 दिसंबर) को दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) की चौथी बैठक के बाद अब दो बातों से संकेत मिल रहे हैं कि कहीं नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू फिर चौंकाने वाला फैसला न ले ले. यह सवाल इसलिए भी क्योंकि दिल्ली में हुई चौथी बैठक में भी बहुत कुछ साफ नहीं हुआ.
सीटों के बंटवारे पर सीएम नीतीश कुमार गंभीर हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि लोकसभा में सीटों के बंटवारे को लेकर जो भी फॉर्मूला हो उसका फैसला जल्द से जल्द हो. हालांकि इंडी गठबंधन की चौथी बैठक में भी यह नहीं हो सका जिसकी उम्मीद थी लेकिन नीतीश कुमार झटका जरूर लगा होगा जब बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम विपक्ष के चेहरे के लिए आगे किया.
इसके बाद दिल्ली के सीएम ने भी अपनी सहमति जता दी. नीतीश कुमार ने कभी इच्छा जाहिर नहीं की लेकिन जेडीयू के नेता लगातार यह कह रहे हैं कि नीतीश से बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है. नीतीश कुमार सर्वगुण संपन्न हैं.
चौंकाने वाले फैसले को लेकर क्यों उठ रहे सवाल?
नीतीश कुमार ने कई बार चौंकाने वाले फैसले लिए हैं. एक बार फिर इसकी चर्चा हो रही है. चर्चा इसलिए क्योंकि जेडीयू ने 29 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. पहले सिर्फ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई थी लेकिन अब दूसरी ओर राष्ट्रीय परिषद की भी बैठक बुला ली गई है. इन दोनों बैठकों से सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार फिर कुछ बड़ा करने वाले हैं?
29 दिसंबर की बैठक पहले से तय थी, लेकिन कल (मंगलवार) ही राष्ट्रीय परिषद की भी बैठक बुला ली गई. जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस वक्त 99 सदस्य हैं जबकि राष्ट्रीय परिषद में दो सौ सदस्य हैं. नीतीश कुमार को संयोजक बनाने और पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग पार्टी की तरफ से कई बार की गई थी. हालांकि नीतीश खुद इनकार करते रहे हैं. अब नीतीश ने जल्द ही सीटों के बंटवारे को लेकर फैसला लिए जाने की मांग की है.
एक ही दिन होंगी दोनों बैठकें
29 तारीख को सुबह पार्टी पदाधिकारी की बैठक के ठीक बाद कार्यकारिणी की बैठक होगी. दोपहर बाद राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी. ऐसे में देखना होगा कि इन दोनों बैठकों के बाद पार्टी की ओर से क्या निर्णय लिए जाते हैं.