कृषि रोडमैप का CM नीतीश ने किया गुणगान : कहा: उत्पादकता के साथ-साथ बढ़ी किसानों की आमदनी, मंगला राय की जमकर की तारीफ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पटना में चौथे कृषि रोडमैप का उद्घाटन किया। राजधानी के बापू सभागार में आयोजित कार्यक्रम में प्रेसिडेंट ने चौथे कृषि रोडमैप का लोकार्पण किया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौथे कृषि रोडमैप के बारे में विस्तार से बताया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में साल 2008 में पहले कृषि रोडमैप की शुरुआत हुई थी। पहले कृषि रोडमैप की शुरुआत के बाद ही धान, मक्का और आलू की उत्पादकता लगातार बढ़ने लगी। फिर साल 2011-12 में धान उत्पादन में नालंदा के किसान ने चीन का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। आलू के उत्पादन में भी बिहार ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
इसके बाद साल 2012-17 में दूसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत हुई। दूसरे कृषि रोडमैप में फल के साथ-साथ दूध, अंडा, मांस, मछली का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया गया। इसके बाद 2017 से 2023 तक तीसरे कृषि रोडमैप की शुरुआत हुई। इसके बाद हमलोगों ने समीक्षा की तो पाया कि और भी कई कमियां हैं लिहाजा हमने इसे आगे बढ़ाने का फैसला लिया।
चौथे कृषि रोडमैप को लेकर हमने किसानों के साथ-साथ कृषि सलाहकारों से भी राय ली है। अब इस पर काम शुरू हो गया है। मछली का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। बिहार इस मामले में आत्मनिर्भर हो गया है। धान, गेहूं, मक्का के उत्पादन में भी लगातार वृद्धि हो रही है लिहाजा बिहार को अबतक 5 कर्मण पुरस्कार मिले हैं। मखाने की खेती में भी वृद्धि हुई है।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि सलाहकार मंगला राय की जमकर तारीफ की। इस दौरान सभागार में मौजूद सभी लोगों ने मुख्यमंत्री की दरख्वास्त पर तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगला राय की सलाह पर ही कृषि क्षेत्र में बिहार सरकार आगे बढ़ रही है। कृषि रोडमैप की सफलता में इनका अभूतपूर्व योगदान है। इन्हें हमलोगों ने पूरी जिम्मेदारी दी है। ये अब मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार हैं। इसबार हमने कई मर्तबा इनके साथ मीटिंग किए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगला राय जी यूपी के रहने वाले हैं।सीएम नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि चौथे कृषि रोडमैप में कुल 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। चौर क्षेत्र वाले 6 जिलों में 9 लाख हेक्टेयर जमीन को ठीक कराया जाएगा। साथ ही उनका विकास भी कराया जाएगा।
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