बिहार की सियासत में नेताओं की आवाजाही एक जगह से दूसरी जगह होने से अचानक से अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है. पिछले दो दिनों के दौरान पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का बिहार आना और अब रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली जाना कई किस्म की सियासी चर्चाओं को जन्म दे रहा है. खासकर जेपी नड्डा के बिहार आने पर सीएम नीतीश से मुलाकात नहीं करना और उसके अगले दिन ही सीएम नीतीश का दिल्ली जाना बेहद खास माना जा रहा है.
दरअसल, जेपी नड्डा ने एक दिवसीय बिहार दौरे पर जहां बिहार भाजपा के नेताओं से मुलाकात की, वहीं उनकी सीएम नीतीश से कोई मुलाकात नहीं हुई. सूत्रों का कहना है कि सीएम नीतीश अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं. अमित शाह से मुलाक़ात के पीछे मूल कारण झारखंड विधानसभा चुनाव को माना जा रहा है. जदयू ने झारखंड में कई सीटों पर दावा ठोक रखा है. वहीं सूत्रों का कहना है कि भाजपा चाहती है कि झारखंड में जदयू को सिर्फ एक सीट दी जाए जिस पर सरयू राय चुनाव लड़ें. वहीं जदयू कम से कम 5 सीटों पर लड़ना चाहती है. अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात में इस पर प्रमुखता से बात हो सकती है. ऐसे में सीटों का बंटवारा दोनों दलों के बीच टेंशन बढ़ाने वाला बना हुआ है.
हालांकि सीएम नीतीश के दिल्ली दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि यह उनका निजी कारणों से दिल्ली जाना है. उनके स्वास्थ्य कारणों से भी वहां जाने की खबर है. वहीं अपने दिल्ली दौरे को लेकर नीतीश कुमार ने कुछ भी खुलासा नहीं किया. वे ऐसे समय में दिल्ली गए हैं जब बिहार में बाढ़ की भयानक तबाही के आसार हैं. नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार में कोसी और गंडक नदियों में करीब 13 लाख क्युक्सेक पानी छोड़ा गया है. इससे बिहार के एक दर्जन से ज्यादा जिलों पर जलप्रलय का संकट मंडरा रहा है.
राज्य पर इतनी बड़ी आपदा वाली स्थिति के बीच सीएम नीतीश का दिल्ली जाने के पीछे एक प्रमुख कारण कोसी और गंडक का रौद्र रूप भी माना जा रहा है. संभव है कि अपने दिल्ली दौरे के दौरान सीएम नीतीश बिहार के लिए विशेष सहायता पैकेज की चर्चा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बात करें. केंद्र सरकार को बिहार में बाढ़ की स्थिति की जानकारी दें और केंद्र से टीम भेजने को कहें. ऐसे में नीतीश कुमार का यह दौरा बिहार और जदयू के लिए बेहद खास माना जा रहा है.