बिहार के इन जिलों में शीतलहर का अलर्ट, आपदा विभाग ने जारी की गाइडलाइन
पटनाः उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी का महीना काफी मुश्किल भरा होता है. बिहर में ठंड का सितम इस कदर होता है कि लोग घरों से निकलने के लिए 100 बार सोचते हैं. हार साल की भांति इस साल भी सर्दी का सितम शुरू हो गया है. मौसम विभाग लगातार मौसम को लेकर चेतावनी जारी कर रहा है.
पूर्णिया में घना कोहराः 12 दिसंबर को राज्य के पूर्णिया में सबसे घना कोहरा छाए रहा. 50 मीटर विजिबिलिटी दर्ज किया गया. राजधानी पटना समेत सभी जिलों में कनकनी वाला ठंड रहा. घटना कोहरा के कारण वाहनों की आवाजाही पर भी ब्रेक लगा रहा. 13 और 14 दिसंबर के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. कुछ जिलों में शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट है.
शीतलहर का अलर्टः 13 दिसंबर को सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार में मध्यम से घना कोहरा को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. 13 और 14 दिसंबर को राज्य के दो जिनों में शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट है. इसमें कैमूर और रोहतास शामिल है. इन जिलों में घना कोहरा और ठिठुरन वाली ठंड पड़ेगी. ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है.
ठंड लगने के लक्षण: हर साल सर्दी में ठंड लगने से कई लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे में इससे बचाव जरूरी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने ठंड लगने के कुछ लक्षण बताए हैं जिससे जानना जरूरी है. इसमें शरीर का ठंडा होना और अंगों का सुन्न पड़ना, अत्यधिक कंपकंपी या ठिठुरन, बार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना और अर्द्ध बेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होना ठंड लगने का कारण हो सकता है. इस तरह का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
ठंड से बचाव के उपाय: ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखना बहुत जरूरी होता है. इसके साथ सावधानी भी जरूरी होती है. हीटर-ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना ना भूलें. उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज तथा हृदय रोगी चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें. धूप होने पर ही घर से बाहर निकलें. गर्म कपड़ा पहनकर ही घर से बाहर निकलें. घर में आग जलाकर रखे ताकि वातावरण गर्म रहे.
ठंड में क्या खाएं?: ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए खान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. ड्राई फ्रूट्स खाने से शरीर को पर्याप्त एनर्जी मिलती है. तिल खाना काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ गुड़ का सेवन जरूर करें. खजूर भी गर्म होता है. इसके साथ हरी सब्जी और साग काफी मात्रा में खाएं. सबसे ज्यादा सरसो साग काफी गर्म होता है. दूध, अंडा, मांस, मछली भी गर्म भोजना होता है. अगर मांसाहार हैं, तो इसका भी सेवन कर सकते हैं.
किसानों के लिए भी गाइडलाइन: आपदा प्रबंधन विभाग ने किसानों के लिए भी गाइडलाइन जारी किया है. ठंड में पशुओं का खास ख्याल रखने को कहा है. रात में पशुशाला को सभी तरफ से ढंकने व्यवस्था की जाए ताकि सीधे तौर पर शीतलहर से पशुओं को बचाया जा सके. बिछावन हेतु सूखे पुआल की व्यवस्था करें.
पशुओं की देखभाल: संतुलित एवं नमक / इलेक्ट्रोलाईट से युक्त पूरक आहार देना चाहिए. खल्ली एवं गुड़ की अतिरिक्त मात्रा दिया जाना चाहिए ताकि शरीर गर्म रहे. पशुओं को स्वच्छ नाद में हल्का गर्म पानी दिन में तीन-चार बार देना चाहिए. इसके साथ हरे घास और सरसो का पत्ता और गनने जरूर खिलाएं. पशुओं को गुड़ भी खिला सकते हैं. इससे दूध में वृद्धि और ठंड से बचाव दोनों होता है.
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