भारत में ठंड का कहर, घना कोहरा छाया…बारिश की चेतावनी

IMG 7052 jpeg

देशभर में ठंड का असर बढ़ रहा है, और उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में घना कोहरा छाने लगा है। दिल्ली-NCR में स्मॉग और वायु प्रदूषण की वजह से दिन में गर्मी महसूस होती है, लेकिन सुबह और शाम में गुलाबी ठंड के साथ हल्का कोहरा भी छाया रहता है। वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश जारी है। जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी हो रही है, जबकि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी जल्द ही बर्फबारी की संभावना है।

ठंड के बढ़ने के कारण:
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिणी तमिलनाडु के पास समुद्र में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके अलावा, एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान की ओर से सक्रिय हो रहा है, जिससे पाकिस्तान के ऊपरी वायुमंडल में भी चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। इस वजह से पश्चिमी हवाएं (पछुआ हवाएं) चल रही हैं, जिससे उत्तर भारत में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा। इसके साथ ही समुद्र तल से 12.6 किलोमीटर ऊपर 120 नॉट की गति से चलने वाली जेट स्ट्रीम हवाएं ठंड में इजाफा कर रही हैं।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान:
आगामी 5 दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट की संभावना है। मध्य भारत का तापमान वर्तमान स्तर पर बना रहेगा, जबकि पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री तक गिर सकता है। IMD ने चेतावनी दी है कि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, और छत्तीसगढ़ में 20 नवंबर तक घना कोहरा रहेगा। वहीं, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, कराईकल और माहे में अगले 3 दिन तक गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।

दिल्ली में स्मॉग और वायु प्रदूषण का असर:
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण स्मॉग छाया हुआ है, जिससे हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित है। इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रैप-3 के तहत प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, और स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं। बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास का विकल्प उपलब्ध है। मौसम विभाग के अनुसार, 18 नवंबर के बाद दिल्ली में कोहरा छाने की संभावना है। वर्तमान में दिल्ली का अधिकतम तापमान 26 से 28°C और न्यूनतम तापमान 11 से 17°C के बीच बना हुआ है, जो सामान्य से थोड़ा अधिक है।

स्मॉग और धुंध के कारण सांस लेना और दूर तक देख पाना मुश्किल हो गया है, जिससे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।