3 मर्डर किए, इंश्योरेंस के 20 लाख हड़पे…20 साल बाद ‘जिंदा’ हुए पूर्व नेवी अफसर की Crime कुंडली

GridArt 20231018 095107004

पहले दोस्त को मारा, फिर खुद को बचाने के लिए 2 मजदूरों को जिंदा जलाकर खुद को मृत दिखाया और इंश्योरेंस की रकम भी हड़प ली। करीब 20 साल पूर्व नेवी अफसर जिंदा होकर भी मरा रहा, लेकिन ज्यादा समय तक उसका खेल पुलिस से छिप नहीं पाया। 20 साल बाद ही सही वह पुलिस के हाथ लगा। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया और बताया कि क्यों उसने अपने ही दोस्त को मारा, क्यों उसने 2 मजदूरों को जिंदा जलाया, कैसे नौसेना से मिलने वाली इंश्योरेंस की रकम वसूली और कैसे रची इतनी बड़ी साजिश? 20 साल कहां छिपा रहा और कैसे?

काम के बहाने बुलाकर ट्रक समेत जला दिए ड्राइवर

आरोपी की पहचान पट्टी कल्याण, समालखा, पानीपत, हरियाणा निवासी बालेश कुमार उर्फ अमन सिंह (63) के रूप में हुई। वह नजफगढ़ में नाम-पता बदलकर पत्नी संतोष के साथ रह रहा था। उसने फर्जी नाम पर आधार, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य डॉक्यूमेंट बनवा रखे थे। करीब 20 साल पहले उसने अपने दोस्त की हत्या की थी। इस अपराध से बचने के लिए उसने 2 ड्राइवरों को समयपुर बादली इलाके से काम के बहाने बुलाया और ट्रक समेत जिंदा जला दिया। इसके बाद खुद को मृत दिखाया और नौसेना से मिलने वाला 20 लाख का इंश्योरेंस हड़प लिया। पेंशन भी पत्नी को मिलने लगी। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मामला खोला।

आरोपी के खिलाफ 4 केस पुलिस ने दर्ज किए

अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मामला खोला, जिसके अनुसार दिल्ली के बवाना में बालेश के खिलाफ दोस्त की हत्या का केस साल 2000 में दर्ज हुआ था। आरोपी के खिलाफ नौसेना मेस में चोरी का केस भी तिलक मार्ग थाने में दर्ज हुआ था। अब 2 और हत्याओं के साथ-साथ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हुआ है। दिल्ली क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि उनकी टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी। मुखबिर ने बताया कि मर्डर और चोरी केस का आरोपी अपनी पहचान छिपाकर नजफगढ़ इलाके में रह रहा है। सूचना मिलने पर एक्शन लेते हुए ACP पंकज अरोड़ा, इंस्पेक्टर देवेंद्र कुमार ने एक टीम बनाकर आरोपी को दबोचा।

दोस्त की पत्नी से संबंध थे, राज खुलने पर मारा

पुलिस के अनुसार, जांच में पता चला कि आरोपी पूर्व नेवी ऑफिसर है। साल 2004 में उसने अपने दोस्त की हत्या की थी। बालेश संतोष पार्क उत्तम नगर में पत्नी और 4 बच्चों के साथ रहता था, लेकिन उसके अपने दोस्त राजेश उर्फ खुशीराम की पत्नी के साथ संबंध थे। एक दिन बालेश, उसका भाई सुंदरलाल और राजेश समयपुर बादली ट्रांसपोर्ट नगर में शराब पी रहे थे। इस दौरान बालेश की राजेश से पत्नी और पैसों के लेन-देन को लेकर बहस हो गई। इसी झगड़े में बालेश ने भाई सुंदर के साथ मिलकर राजेश को मार दिया। शव को बवाना एरिया में ही ठिकाने लगा दिया। पुलिस ने सुंदरलाल को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बालेश हाथ नहीं आया।

ड्राइवरों को राजस्थान ले जाकर जिंदा जलाया

बालेश ने मर्डर केस से बचने के लिए खुद को मृत घोषित करने साजिश रची। नेवी से रिटायर होने के बाद वह अपने भाई महेंद्र सिंह का ट्रक चलाने लगा था। उसने समयपुर बादली एरिया से बिहार निवासी मनोज और मुकेश नामक 2 मजदूरों को ट्रक पर काम के लिए रख लिया। बालेश ने उनको मारने की साजिश रची। साजिश के तहत वह दोनों को राजस्थान के जोधपुर में ले गया। थाना डंडियावार एरिया में उसने दोनों को शराब पिलाई। नशे में धुत हुए तो उनको ट्रक में बंद करके ट्रक को आग लगा दी। ट्रक में गत्ता भरा था, जिस वजह से दोनों जिंदा जलकर मार गए। नशे में होने के कारण उन्हें बचाव का मौका नहीं मिला। जांच में पुलिस ने एक मृतक को बालेश मान लिया।

नौसेना, ड्राइवर का इंश्योरेंस और पेंशन हड़पी

साजिश के तहत, बालेश खुद को मृत घोषित करने की साजिश में कामयाब हो गया। पत्नी संतोष को नौसेना ने इंश्योरेंस के 20 लाख रुपये मिल गए। भाई के ट्रक पर ड्राइवर का भी इंश्योरेंस था तो वह रकम भी बालेश की पत्नी को मिल गई। बालेश की पेंशन भी पत्नी संतोष के नाम ट्रांसफर हो गई। मृत घोषित होने के बाद बवाना हत्याकांड से उसका नाम पुलिस ने हटा दिया। गिरफ्तार भाई ने भी आज तक उसका राज नहीं खोला। बालेश नाम-पता बदलकर नजफगढ़ इलाके में अमन सिंह बनकर रहने लगा। अब मुखबिर के हाथ उसका सुराग लगा। पुलिस ने उसे दबोचा तो एक मर्डर से बचने के लिए 2 और मर्डर करने, इंश्योरेंस की रकम हड़पने का सच सामने आया।

 

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.