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नीतीश कुमार के खिलाफ परिवाद पत्र दायर, आरोप सिद्ध होने पर हो सकती है 3 साल की सजा

ByLuv Kush

मार्च 25, 2025
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बिहार के बेगूसराय जिला न्यायालय की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कविता कुमारी के कोर्ट में बलिया थाना के भगतपुर निवासी महेश पासवान के बेटे परिवादी विकास पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ परिवाद पत्र दाखिल किया है. मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के छुट्टी पर रहने के कारण चार्ज में रहने वाले न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मयंक पांडे की अदालत मे हुई. जिसमें मयंक पांडे ने इस मामले को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए मामले को संज्ञान लिया और इसे अपने ही कोर्ट मे रखा.

बेगूसराय में नीतीश के खिलाफ परिवाद: दरअसल, पटना में सेपक टाकरा वर्ल्ड कप के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित तमाम खिलाड़ी और अधिकारी खड़े थे. राष्ट्रगान गाया जा रहा था कि इसी बीच मुख्यमंत्री पत्रकारों और अधिकारियों का अभिवादन करने लगे और बगल में खड़े वरीय अधिकारी को इशारा करने लगे. इसे राष्ट्रगान का अपमान बताते हुए बेगूसराय के बलिया निवासी अधिवक्ता विकास पासवान ने यह परिवाद दायर किया है.

‘राष्ट्रगान का अपमान’: मामले में अधिवक्ता सह परिवादी विकास कुमार ने बताया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में एक उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. इसी दौरान राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, लेकिन देखा गया कि सीएम नीतीश कुमार अजीबोगरीब हरकत कर रहे हैं और उस समय राष्ट्रगान गाया जा रहा था. इस दौरान उन्होंने कई लोगों को टोकने की कोशिश की. इस प्रकार की हरकत करना भारत के संविधान के नियम और राष्ट्रगान का अपमान है.

20 मार्च को दर्ज किया गया परिवाद: अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि बीस मार्च को पाटलिपुत्र स्टेडियम मे आयोजित एक कार्यक्रम मे राष्ट्र गान के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हरकत अपराध की श्रेणी मे आती है. इस वजह से उनलोगों के द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के यहां एक कंप्लेंट केस दायर किया गया. मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित कुमार ने बताया कि परिवाद पत्र दायर किया गया है जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अभियुक्त बनाया गया है.

“आरोप सत्य पाए जाने पर तीन साल की सजा, फाइन या दोनों का प्रावधान है. इस मामले मे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के छुट्टी पर रहने के कारण चार्ज मे रहने वाले न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मयंक पांडे ने इस मामले को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए मामले को संज्ञान में लिया और इसे अपने ही कोर्ट मे रखा. जिसके बाद आगे जांच की प्रक्रिया शुरू होगी.”-अमित कुमार, अधिवक्ता


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