माननीय मंत्री सहकारिता विभाग डॉ० प्रेम कुमार ने विभागीय समीक्षा में समेकित सहकारी विकास परियोजना आई॰सी॰डी॰पी॰ की विभिन्न जिलों की भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धि का अवलोकन करते हुए पैक्स व्यापारमंडल में गोदाम निर्माण राईस मिल कम्पोजिट यूनिट की स्थापना तथा अन्य प्रक्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा की।
माननीय मंत्री ने समीक्षा के क्रम में कहा कि यह परियोजना सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण विकास को सशक्त करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इसके सफल क्रियान्वयन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और सामुदायिक एकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सहकारी समितियों में आधारभूत संरचना का विकास करना उन्हें सशक्त बनाना और उनकी क्षमता को बढ़ाना है।
समीक्षा में पश्चिम चम्पारण एवं दरभंगा जिलों में उक्त योजनान्तर्गत कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति संतोषजनक नहीं पाया गया। माननीय मंत्री द्वारा निर्देश दिया गया कि परियोजना की निर्धारित शेष अवधि में कार्यों का सतत् अनुश्रवण करते हुए सभी संचालित जिलों में प्रगति लाया जाए। जिलों में माननीय मंत्री द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरानभी इस परियोजना अन्तर्गत किये गये विकास कार्यों का परिदर्शन परीक्षण एवं समीक्षा किया जायेगा।
वर्तमान में समेकित सहकारी विकास परियोजना राज्य के कुल 6 जिलों मोतिहारी, औरंगाबाद, बेगूसराय, दरभंगा, पश्चिम चम्पारण एवं पूर्णियाँ में कुल 33970 लाख रूपये लागत मूल्य से संचालित है तथा अब तक इसमें वित्तीय उपलब्धि लगभग 60% है। इस परियोजना की विस्तारित अवधि दिनांक 31.03.2025 है। पूर्व में बिहार के 16 जिलों सासाराम, बक्सर, गोपालगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी, गया, सीवान, सारण, भोजपुर, कैमूर, खगडिया, शिवहर, नालन्दा, वैशाली, जहानाबाद एवं अररिया में कुल 24496.57 लाख रूपये की लागत मूल्य से परियोजना वर्षों पूर्व कार्यान्वित एवं पूर्ण हो चुकी है।
इस परियोजना के तहत संचालित जिलों में चयनित विभिन्न के प्रकार के सहकारी समितियों विशेषकर पैक्सों व्यापारमंडलों में अधिसंरचना निर्माण गोदाम-सह-कार्यालय, व्यवसाय विकास एवं सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन विकास का कार्य किया जा रहा है।
समेकित सहकारी विकास परियोजना अन्तर्गत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, नई दिल्ली से राज्य सरकार को ऋण एवं अनुदान मद में राशि उपलब्ध करायी गयी है। योजना के कार्यान्वयन हेतु स्थापना आदि खर्च के लिए प्रावधानित अनुदान की राशि में निगम एवं राज्य सरकार का अनुपात 50:50 का है।