बिहार सरकार जल संसाधन विभाग की योजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता के साथ पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण योजनाओं की गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ संबंधित मुख्य अभियंता और कार्यपालक अभियंता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
बिहार में जल संसाधन विकास को मिलेगी रफ्तार
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान घोषित 19 सिंचाई योजनाओं और 27 बाढ़ नियंत्रण योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। प्रधान सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए ताकि किसानों और आम जनता को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।
प्रमुख निर्देश और कार्ययोजना
प्रधान सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि –
- निविदा प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
- जिन योजनाओं के लिए भू-अर्जन आवश्यक है, उनकी प्रक्रिया को शीघ्र निष्पादित किया जाए।
- किसी अन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए।
- अंतरराज्यीय परियोजनाओं के लिए संबंधित राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए।
- बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण योजनाओं से किसानों को राहत
इन योजनाओं के पूरा होने से राज्य में जल आपूर्ति व्यवस्था मजबूत होगी, कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी समाधान मिल सकेगा। सरकार की यह पहल सिंचाई सुविधा को बढ़ाने और बाढ़ सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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