लोकसभा चुनाव में अब कुछ ज्यादा समय नहीं बचा है। जहां एक ओर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कसना शुरू कर दी है तो वहीं सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ने अभी तक देश के सबसे अहम प्रदेश के लिए ना हो कोई रणनीति तैयार कर पाई और ना ही कोई सीट शेयरिंग प्लान बना पाई। दरअसल, आज समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस की एक अमह बैठक होनी थी जो टल गई है। इस बैठक में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अहम चर्चा होनी थी। बैठक टलने को लेकर कांग्रेस ने सपा को जो सफाई दी है, वह कांग्रेस की कमजोर चुनावी तैयारी को साफ दिखाता है।
मीटिंग टलने को लेकर कांग्रेस ने दी ये सफाई
बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से उन सीटों की लिस्ट मांगी है जहां उत्तर प्रदेश में कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है। साथ ही सपा ने कांग्रेस से ये भी पूछा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में तो उसे सिर्फ एक ही सीट मिली थी, तो इस बार वह चुनाव किस रणनीति से लड़ेगी, ये भी साझा करे। सपा के इन सभी सवालों के जवाब में कांग्रेस के नेताओं को आज की मीटिंग में अपनी रणनीति और सीट शेयरिंग प्लान रखना था। लेकिन कांग्रेस की तरफ से मीटिंग टलने को लेकर कहा गया है कि यूपी के कांग्रेस के नेता अभी यात्राओं में बिजी थे, इसलिए ये लिस्ट (सीट शेयरिंग) अभी तैयार नहीं हो पाई है। इसके बाद आज की बैठक टाल दी गई है।
समाजवादी पार्टी के पैनल में शामिल हैं ये नेता
सूत्रों के मुताबिक इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के पैनल को बातचीत फाइनल करनी है। इसके लिए अखिलेश यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। कांग्रेस के साथ इस मीटिंग में सपा के पैनल की ओर से पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव , राज्यसभा सांसद जावेद अली, सपा विधायक लालजी वर्मा और सपा विधायक संग्राम सिंह यादव, पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह शामिल होने वाले थे। बता दें कि इससे पहले सपा और कांग्रेस के बीच 9 जनवरी को एक बैठक हो चुकी है। अगली बैठक आज यानी 12 जनवरी को होनी थी, लेकिन अब ये मीटिंग टल गई है।