उन्होंने इस विषय पर देश में एक चर्चा छेड़ दी. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का चरित्र ‘अपने साथी दल का वोटबैंक’ हड़पने की नीयती रही है. पीएम ने कहा कि पहले ये वोटबैंक कभी कांग्रेस का हुआ करता था, लेकिन क्षेत्रीय दलों के पास मूव हो गया.
‘वोटबैंक हड़पने का काम करती है कांग्रेस’ : कांग्रेस ने सबसे पहले बीजेपी के वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए पुजारी बनकर मंदिर-मंदिर फिरा करते थे. जब दाल नहीं गली तो उन्होंने पैटर्न बदल दिया. अब वो अपने साथी दलों के मुद्दों पर बोलते हैं. अपना वोटबैंक वापस पाने के लिए राज्यों की जो पार्टी है, जो उसके मुद्दे हैं, उनपर कांग्रेस की नजरें हैं. क्षेत्रीय दल अबतक इसे समझ नहीं पाए हैं.
‘इंडी गठबंधन के साथी समझ गए कैरेक्टर’ : इंडी गठबंधन के दल कांग्रेस का ये कैरेक्टर समझने लगे हैं. यही वजह है कि दिल्ली में कांग्रेस अलग थलग पड़ गई थी. बिहार में कांग्रेस जातीय जनगणना का मुद्दा उठाए हुए है. राहुल गांधी तेलंगाना की जनगणना को बेहतर बताते आ रहे हैं. जबकि बिहार की जाति जनगणना को संदेह भरी नजरों से देख रहे हैं.
बिहार में जाति जनगणना का मुद्दा और कांग्रेस : सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि जाति जनगणना के वक्त महागठबंधन की सरकार थी. उसमें आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस भी सरकार में शामिल थी. फिर क्यों राहुल गांधी इसे तेलंगाना की जातिगत गणना से बेहतर बता रहे हैं. इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने अपनी स्टाइल में इशारों-इशारों में समझाया.
‘आरजेडी की जमीन खाने में लगी कांग्रेस’ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ”जाति के जहर से कांग्रेस आरजेडी की जमीन खाने में लगी है. यही वो रास्ता है जिससे आरजेडी के वोटबैंक में सेंध लगाई जा सकती है.” उन्होंने साफ कहा कि ”जो भी कांग्रेस का हाथ थामता है उसका बंटाधार हो जाता है. देश को धूर्तता और मूर्खता की राजनीति नहीं चाहिए.”