लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी की ‘खटाखट’ योजना ने खूब सुर्खियां बटोरी और अभी भी इसको लेकर बवाल राजनीतिक मंचों से सुनाई पड़ता रहता है। लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद तो कांग्रेस दफ्तर के बाहर लोगों की भीड़ तक जमा हो गई थी और लोग कांग्रेस कार्यालय से 8,500 रुपए हर महीने की किस्त लेने के लिए उतारू थे।
लेकिन, इस योजना को लेकर कांग्रेस के नेता जनता को यह समझाते रहे कि उनकी सरकार केंद्र में नहीं बनी, इसलिए अभी उनकी मांगें पूरी नहीं की जा सकती है।
हालांकि, ऐसे ही लोक-लुभावन वादों के साथ कई राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल जनता के बीच पहुंचे या पहुंच रहे हैं। सरकारी खजाने पर इसका क्या असर पड़ेगा, इसके बारे में पार्टियां ज्यादा नहीं सोच रही हैं। ऐसे में कांग्रेस के ‘खटाखट स्कीम’ का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से करारा जवाब दिया गया है।
एक तरफ कांग्रेस के ‘खटाखट स्कीम’ का लाभ पाने के लिए जहां जनता अभी तक राह देख रही है, वहीं पीएम मोदी ने एक ऐसा फैसला ले लिया है, जिससे देश के मजदूरों को दीपावली से पहले बड़ा तोहफा मिल जाएगा, अब हर महीने मजदूरों के हाथ 26,000 रुपये आएंगे।
कांग्रेस ने एक तरफ गारंटियों का पिटारा खोल रखा है, वहीं पीएम मोदी ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। मोदी सरकार ने श्रमिकों के लिए वेरिएबल डियरनेस अलाउंस (वीडीए) में संशोधन किया है और उन्हें मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर 1,035 रुपए प्रतिदिन करने का ऐलान कर दिया है।
सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में तगड़ा इजाफा किया है। सरकार का उद्देश्य इसके पीछे यह है कि इसके जरिए मजदूरों को जीवनयापन की बढ़ती लागत के बीच मदद की जाए। अनस्किल्ड श्रमिकों के लिए सेक्टर ए में न्यूनतम मजदूरी सरकार की तरफ से 783 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है यानी हर महीने ऐसे मजदूरों के हाथ में 20,358 रुपए आएंगे।
वहीं, अर्धकुशल यानी सेमी स्किल्ड श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी की दर 868 रुपए प्रतिदिन निर्धारित की गई है। इस लिहाज से उन्हें हर महीने 22,568 रुपए की कमाई होगी।
स्किल्ड वर्कर जो कुशल श्रमिक हैं, जैसे लिपिक या बिना हथियार वाले कामगार, उनकी न्यूनतम मजदूरी को 954 रुपए प्रतिदिन निर्धारित कर दी गई है, जो हर महीने के हिसाब से देखें तो 24,804 रुपए होगी।
इसके साथ ही अत्यधिक कुशल श्रमिकों को प्रतिदिन 1,035 रुपए और महीने के 26,910 रुपए मिलेंगे। यह नई न्यूनतम मजदूरी दर वीडीए में संशोधन के साथ लागू करने का ऐलान किया गया है।
अक्टूबर महीने की पहली तारीख से यह न्यूनतम मजदूरी दर लागू हो जाएगी। इसका लाभ मजदूरों को अप्रैल 2024 से दिए जाने का फैसला भी लिया गया है यानी बकाया राशि का भुगतान अप्रैल महीने से ही किया जायेगा। इससे पहले अप्रैल महीने में भी इसमें संशोधन किया गया था।