बिहार कांग्रेस की भी अजीब हालत है. आलाकमान ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्त एक साल पहले की थी. 5 दिसंबर 2022 से 6 दिसंबर 2023 आ गया, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की नई कमिटी आज तक गठित नहीं की गई. राज्यसभा सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में एक साल का कार्यकाल पांच दिसंबर को ही पूरा कर लिया. साल पूरा होने पर नेताओं ने उन्हें बधाई भी दे दी, लेकिन आज तक वे प्रदेश की कमेटी नहीं बना सके. बड़ा सवाल यही है कि आखिर कौन सी ऐसी बड़ी बाधा है जिस वजह से प्रदेश कमेटी नहीं बना पा रहे ? क्या प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह की चल नहीं पा रही या फिर कमेटी बनाना नहीं चाहते ? एक साल की अवधि पूर्ण होने के बाद अखिलेश सिंह को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
कैसे होगी नैया पार ?
बिहार कांग्रेस की अजीब हालत है. महागठबंधन सरकार में तो कांग्रेस पिछलग्गू है ही, संगठन की भी लुंज-पुंज हालत है. कांग्रेस आलाकमान ने डॉ. अखिलेश सिंह को 5 दिसंबर 2022 को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी दे दी थी. डॉ. मदन मोहन झा के बाद इन्हें अध्यक्ष बनाया गया. लेकिन यह भी संगठन विस्तार में सफल नहीं हो सके. एक साल का कार्यकाल अखिलेश सिंह ने पूर्ण कर लिया. इतना समय बीतने के बाद भी ये अपनी प्रदेश कमेटी नहीं बना सके हैं. लोकसभा का चुनाव सिर पर है, तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है. ऐसी स्थिति में बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के पास अपनी नई कमेटी भी नहीं है. कांग्रेस के अंदर ही यह चर्चा शुरू है कि यह भी पूर्ववर्ती अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और कौकब कादरी की राह पर चल पड़े हैं. मदन मोहन झा ने अपने 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश कमिटी ही नहीं बनाई। अकेले ही बिहार कांग्रेस को चलाते रहे।
…तो बिहार प्रभारी की वजह से नहीं बना पा रहे ?
क्या डॉ. अखिलेश सिंह भी डॉ. मदन मोहन झा और कौकब कादरी की राह पर चल पड़े हैं? तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बीच दल के नेताओं में ही प्रदेश कमिटी को लेकर चर्चा जोरों पर है. बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि अखिलेश सिंह प्रदेश कमेटी क्यों नहीं बना रहे…उनकी क्या मजबूरी है ? कांग्रेस में किनकी वजह से वे प्रदेश की कमेटी नहीं बना पा रहे…क्या बिहार प्रभारी से प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के संबंध ठीक नहीं है ? आखिर इनकी राह में रोड़ा कौन अंटका रहा ? पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश कमिटी नहीं बनने के पीछे अध्यक्ष डॉ. अखिलेश सिंह और प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास के बीच तारतम्य नहीं होने की वजह से कमेटी नहीं बन पा रही।