कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर ने बिहार की तर्ज पर झारखंड में ‘जातीय गणना’ की वकालत की है. झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी मीर लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की संगठनात्मक ताकत का जायजा लेने के लिए पूर्वी राज्य का दौरा किए। उन्होंने चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस की विभिन्न इकाइयों के साथ कई बैठकों की अध्यक्षता की, जिसमें विधायक दल और राजनीतिक मामलों की समिति के अलावा लोकसभा सीट प्रभारियों के साथ भी बैठक हुई। झारखंड में लोकसभा की 12 सीटें हैं. कांग्रेस यहां सभी सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने की रणनीति बनाने में लगी है. इसमें जातीय गणना के सहारे बहुत कुछ हासिल करना चाहती है।
झारखंड कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख मौजूद रहे. राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया. यह भी निर्णय लिया गया कि जिसे भी उम्मीदवार बनाया जाएगा, पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उसका समर्थन करेंगे और उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।”
विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए मीर ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी चाहते हैं कि झारखंड में भी जाति जनगणना कराई जाए ताकि वंचित लोगों के लिए सरकारी योजनाएं और उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके.’
ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण और सरनावाद को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता देने जैसे प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित होने के बाद मंजूरी के लिए केंद्र को भेजे गए थे। उन्होंने कहा, “केंद्र अभी भी इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निष्क्रिय बैठा है। यह झारखंड के आदिवासियों के साथ विश्वासघात है। यह झारखंड के आदिवासियों के साथ विश्वासघात है। इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है।”